चंपावत। मनुष्य एवं प्रकृति के बीच टूटते रिश्ते हमें इस हिमालयी क्षेत्र में शुद्ध हवा व पानी से मोहताज रखने जा रहे हैं। यदि समय रहते हमने प्रकृति से अपना पुराना नाता जोड़कर अपने घर के पास से बहते पानी का संचय नहीं किया तो, हम अपनी भावी पीढ़ी के लिए जल का अभिशाप छोड़ जाएंगे। यह बात जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने जिला सभागार में स्प्रिंग एंड रिवर रेजुएनेशन अथॉरिटी “सारा”के तत्वधान में एक पखवाड़े तक चलाए जा रहे अभियान का शुभारंभ करते हुए कही। उन्होंने कहा वर्षा का जल जहां भी जब भी गिरे उसका संचय करना हमारे भविष्य की आने वाली पीढ़ी के लिए उनकी प्यास बुझायेगा। जिले में 98 महत्वपूर्ण जल स्रोतों को चिह्नित कर उन्हें पुनर्जीवित करने का लक्ष्य बनाया गया है। उन्होंने कहा “जल है तो कल है” कि माननीय मुख्यमंत्री जी की अवधारणा को जमीनी रूप देने के अभियान की आज राज्य के चम्पावत जिले से शुरुआत की जा रही है।
“सारा” के नोडल अधिकारी एवं मुख्य कृषि अधिकारी धनपत कुमार ने कार्यक्रम की अवधारणा पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा, इस दौरान श्रमदान, गड्ढों का खुदान कर पानी को रोकने, स्वच्छता, तलाबों का निर्माण करने के साथ “भागीरथी ऐप” का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। जिसमें स्कूली बच्चों की भागीदारी भी निश्चित की जाएगी साथ ही गौड़ी नदी के अलावा कोलीढेक झील व अन्य स्थानो की सफाई भी की जाएगी। नौला फाउंडेशन के राज्य संस्थापक गिरधर सिंह बिष्ट ने कहा नौले-धारे हमारे पूर्वजों की महान विरासत हैं। उन्हें पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है। उन्होंने याद दिलाया कि शताब्दियों से यह नौले-धारे हमारे ग्रामीण जीवन की प्यास बुझाते आ रहे हैं। इस अवसर पर सीडीओ डॉ जीएस खाती, सीएमओ डॉ देवेश चौहान, सीवीओ वसुंधरा गर्बियाल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी कमलेश सिंह बिष्ट, एपीडी विम्मी जोशी, एसडीओ नेहा चौधरी, लघु सिंचाई विभाग के ईई विमल शूँठा, डीडीओ डीएस दिगारी, डीएचओ मोहित मल्ली, डीपीआरओ उमेद राम, बीडीओ लोहाघाट कवीन्द्र सिंह रावत, भाजपा जिला अध्यक्ष गोविंद सामंत, विधायक प्रतिनिधि प्रकाश तिवारी एवं मुख्यमंत्री के दिवस अधिकारी सुभाष कुमार समेत ग्रामीण जनप्रतिनिधि मौजूद थे।
