लोहाघाट। केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा विषम स्थिति व परिस्थितियों में जूझते हुए ही हिमवीर पैदा होते हैं। जब सारा राष्ट्र सोया रहता है तब हिमवीर हाड़ कपा देने वाली ठंड में जागते हुए हमारी सीमाओं की रक्षा तथा हमारी सुरक्षा करते आ रहे हैं। नड्डा ने पहली बार आदि कैलाश क्षेत्र का वर्णन करने के दौरान यहां की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को जलवायु के बीच हंसते हुए अपने दायित्व का निर्वाह कर हिमवीरो को अपने हाथ से मिठाई खिलाते हुए अपमें मन की बात कह रहे थे। उन्होंने कहा हिमवीर अपना घर बार छोड़कर ऐसी विषम स्थिति जहां प्रकृति कब अपना कहर बरपाये ऐसी स्थिति में भी हिमवीर फौलादी इरादे से अपने दायित्व निभा रहे हैं। इनके त्याग व देश के लिए समर्पण की भावना से उनके सम्मुख हमारा मस्तक स्वयं झुक जाता है तथा ढेर सारी कठिनाइयों की ज्वाला में तप तपाने के बाद ही एक हिमवीर तैयार होता है। कुटी एवं जॉलिंगकांग में तैनात आईटीबीपी की लोहाघाट स्थित 36वी वाहिनी के सीमा में तैनात सहायक सेनानी मनमोहन सिंह, गौरव कुमार और डॉ शुभम मोहन पुरिया के नेतृत्व में हिमवीरो ने केंद्रीय मंत्री नड्डा का स्वागत किया।
केंद्रीय मंत्री ने हालिया भारत-पाक के बीच चलाए गए सेना की तीनों अंगों के संयुक्त ऑपरेशन को हमारे वीर-धीर-गंभीर-जाबाज़ो के प्रति राष्ट्र की ओर से नमन करते हुए कहा कि सेना के इस साइलेंट ऑपरेशन ने पाकिस्तान को ऐसा तगड़ा आघात पहुंचाया है कि वह फिर कभी भारत के खिलाफ ऐसा दुस्साहस दोबारा नहीं करेगा। उन्होंने हिमवीरो से बातचीत कर उनका पूरा हाल-चाल जाना। वाहिनी के नए कमांडेंट संजय कुमार अपना कार्यभार ग्रहण करने के बाद आए दिनों उच्च हिमालयी क्षेत्र में तैनात हिमवीरो के साथ सीमाओं की ताजा स्थिति पर नजर डाले हुए हैं।