लोहाघाट। घने जंगलों की बयार, पक्षियों का कलरव, शेर की गर्जना, विभिन्न प्रकार के फूलों की सुगंध एवं चारों ओर बह रही सेवा व समर्पण की महक के बीच आज जिला आयुर्वेदिक यूनानी चिकित्सा विभाग ने भारत सरकार की नई थीम योग से पर्यावरण एवं व्यक्ति का प्रकृति से सीधा संवाद, प्रकृति के रहस्यों को समझने के लिए “हरित योग” की शुरुआत की गई। यह कार्यक्रम ऐसे स्थान में किया गया जहां युग दृष्टा स्वामी विवेकानंद जी ने 124 वर्ष पूर्व अद्वैत आश्रम मायावती की स्थापना करने के साथ यहां एक पखवाड़े तक प्रवास करते हुए ध्यान कर उन्हें ब्रह्मांड के रहस्यों की अनुभूतियां हुई थी। जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा अधिकारी डॉ आनंद सिंह के दिशा निर्देशन में 11वीं अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के जिला नोडल अधिकारी डॉ प्रकाश सिंह बसेड़ा, आयुष विभाग के नोडल अधिकारी डॉ सुधाकर गंगवार, योग निदेशिका सोनिया आर्य, लीला जोशी एवं विजय देउपा ने यहां साधकों को विभिन्न प्रकार की योग क्रियाये एवं प्राणायाम कराकर उनकी आत्मा का परमात्मा से जुड़ाव किया।
यहां योग करने वाले डॉ भास्कर महदीरत्ता, डॉ धीरज रावत ,डॉ उमेश भारती आदि का कहना था कि यहां योग व प्राणायाम से उन्हें ऐसी अनुभूतियां हुई कि वह उसे शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकते है। यहां योग करते हुए उन्हें ईश्वरीय सत्ता से जुड़ने का ऐसा आभास हुआ कि वह अनंत में ही खो गए। यहां के वातावरण से हम सभी साधकों का मन मस्तिष्क का शोधन होकर नए आचार- विचार एवं संस्कारों का उदय हुआ है। सभी योग साधकों को मायावती आश्रम के प्रबंधक स्वामी सुहृदयानंद जी महाराज का आशीर्वाद मिला। डॉ आनंद सिंह ने स्वामी जी के प्रति दिल की गहराइयों से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज यहां हरित योग कार्यक्रम का शुभारंभ करने का उन्हें ऐसा अवसर मिला है जिन यादों को
वह आजीवन संभाल कर रखेंगे।
