लोहाघाट। सुबह जब भगवान सूर्य अपनी लालिमा बिखेर रहे थे, हिमालय से ठंडी बयारें चल रही थीं। चारों ओर प्रकृति जब मुस्कुरा रही थी, तब आईटीबीपी की 36वीं वाहिनी के हिमवीर हरित योग की अवधारणा के बीच योग और प्राणायाम कर आत्मा का परमात्मा से संबंध जोड़ रहे थे। मौका था प्रकृति के सानिध्य में उसके रहस्यों को समझने के लिए ‘हरित योग’ के दूसरे दिन जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा विभाग द्वारा ‘योग करो निरोग रहो’ का घर-घर संदेश देते हुए 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस से पूर्व बहादुर हिमवीरो को योग एवं प्राणायाम की विधाओं से रूबरू कर सामूहिक रूप से उन्हें योगाभ्यास कराया जा रहा था। हरित योग शिविर का शुभारंभ करते हुए वाहिनी के कमांडेंट संजय कुमार ने कहा योग हमारे महान ऋषि मुनियों की ऐसी विद्या है जो हमें प्रकृति से जोड़कर हमारा तन और मन तरंगित कर उसमें ऐसी खुशियों से भर देता है कि व्यक्ति स्वयं को तनाव मुक्त कर लेता है। उन्होंने आयुष विभाग के सभी अधिकारियों, योग अनुदेशकों का स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया।
जिला आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ आनंद सिंह, आयुष विभाग के नोडल अधिकारी डॉ सुधाकर गंगवार विश्व योग दिवस के जिला नोडल अधिकारी डॉ प्रकाश सिंह बसेड़ा के दिशा निर्देशन में योग निदेशिका सोनिया आर्य, लीला जोशी, विजय देऊपा ने विभिन्न योगिक क्रियाएँ करते हुए, हर क्रिया से शरीर को मिलने वाले लाभों की भी जानकारी दी। उनका कहना था कि योग एवं प्राणायाम का प्रत्येक स्वास एवं प्रवास हम में ऐसी सकारात्मक ऊर्जा पैदा करता है कि उसे आजीवन आरोग्य मिलने लगता है। योग में शामिल कमांडेंट संजय कुमार, द्वितीय कमान अधिकारी बेगराज मीणा, डॉ सुरभि, इंस्पेक्टर जी एल वर्मा ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि योग एवं प्राणायाम हमारे जीवन की एक अनिवार्य आवश्यकता बन गया है। इस अवसर पर डॉ डा मेदी रत्ता, डॉ अमन त्रिपाठी आदि लोग भी मौजूद थे।
