चंपावत। नीति आयोग की तर्ज पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में गठित स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर एंपावरिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग उत्तराखंड “सेतु” आयोग की स्थापना के बाद विकास,रोजगार,पर्यटन एवं युवाओं को डिजिटल इंडिया से जोड़कर केंद्र व राज्य सरकार के बीच सेतु का कार्य कर आयोग का बुनियादी ढांचा तैयार कर उसके क्रियान्वयन के लिए कमर कस ली है। आयोग के उपाध्यक्ष एवं देश के जाने माने कारपोरेट जगत में अपनी गहरी पैठ रखने वाले राजशेखर जोशी डेढ़ साल तक कठिन परिश्रम करने के बाद अब उसे धरातल में लाने के कार्य में जुट गए हैं। बाराही धाम के किमाड़ गांव के मूल निवासी जोशी के अनुसार राज्य के सभी आईटीआई को औद्योगिक घराने से जोड़कर यहां ऐसी प्रतिभाएं तराशी जाएंगी, जिसके लिए रोजगार उनके दरवाजे में दस्तक देगा। शिक्षा को एआई से जोड़कर चिकित्सा,हेल्थकेयर का ऐसा ढांचा तैयार किया जा रहा है कि देश विदेश के लोग यहां के आर्गेनिक उत्पादों का रसास्वादन कर अपनी हेल्थ बनाकर उसके बदले हमें आर्थिक रूप से मजबूत करेंगे। इस कार्य में देश की नामी कंपनियां भी अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी कर रही हैं। सुदूरवर्ती क्षेत्रों के लिए चिकित्सा व स्वास्थ्य का नया नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। सेतु आयोग वैज्ञानिक तरीके से उत्तराखंड में जैविक उत्पादन को बढ़ावा देकर प्रत्येक किसान को इस क्षेत्र से जोड़ेगा। उत्तराखंड की चाय समेत यहां के अन्य पारंपरिक उत्पाद वैश्विक स्तर पर धमाल मचाएंगे।
जोशी ने बताया कि सेतु आयोग उत्तराखंड के युवाओं को किताबी ज्ञान के साथ उनकी प्रतिभा तराशने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिसमें राज्य व केंद्र सरकार के बीच में समन्वय कर यहां के युवाओं को ऊंची उड़ान भरने के अवसर मिलेंगे। कोलेबोरेशन एवं टेक्नोलॉजी पर विशेष बल देते हुए जोशी दावा है कि हम ऐसे सुनहरे भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं, जहां विकास, विरासत एवं रोजगार का समावेश देखने को मिलेगा। टेक्नोलॉजी ने दुनिया को हमारी मुट्ठी में ला दिया है । इस अवसर का लाभ उठाने के लिए नीति आयोग एक-एक पल का मूल्य समझते हुए प्रधानमंत्री द्वारा विकसित भारत के स्वप्न में उत्तराखंड को पहली पंक्ति में खड़ा करने के लिए मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है, जिसके लिए हमारे पास संसाधन व पर्याप्त अवसर एवं अनुकूल परिस्थितियां हैं।
