कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा आज “केसीसी के माध्यम से संस्थागत ऋण तक पहुंच बढ़ाने” पर बजट के बाद वर्चुअल वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार का उद्देश्य हितधारकों को चर्चा में शामिल करना और 2025 के बजट घोषणाओं के प्रभावी कार्यान्वयन की रणनीति बनाना है। इसके साथ ही किसानों की बाजार पहुंच का विस्तार करने, गुणवत्ता में सुधार करने, कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देने और कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में विभिन्न उपायों के माध्यम से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने के लिए केंद्रीय बजट 2025 में शुरू की गई रणनीतिक पहलों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
कार्यक्रम में माननीय प्रधानमंत्री जी ने कहा, भारत का कृषि उत्पादन आज रिकॉर्ड ऊंचाई पर है। करीब 10-11 साल पहले कृषि उत्पादन करीब 265 मिलियन टन था, लेकिन अब यह बढ़कर 330 मिलियन टन से अधिक हो गया है। यह हमारी सरकार के खेत से बाजार तक के दृष्टिकोण का परिणाम है। कृषि सुधार, किसान सशक्तिकरण और मजबूत मूल्य श्रृंखला ने इसे संभव बनाया है। अब हमें और भी बड़े लक्ष्य हासिल करने के लिए भारत की कृषि क्षमता का पूरा उपयोग करना चाहिए।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना योजना कार्यान्वयन पर केंद्रीय बजट 2025 में उल्लिखित रणनीतिक पहलों पर चर्चा की गई। आकांक्षी जिला कार्यक्रम की सफलता से प्रेरित होकर, इस योजना का उद्देश्य कम उत्पादन, मध्यम फसल सघनता और औसत से कम ऋण पहुंच वाले 100 जिलों में उत्पादकता बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में जनपद चंपावत से सहायक परियोजना निदेशक विम्मी जोशी , मुख्य कृषि अधिकारी , जिला उद्यान अधिकारी , उपमुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी, सहित एनआरएलएम, ग्रामोत्थान, आरबीआई व डीडीयू -जीकेवाई के स्टॉफ ने प्रतिभाग किया।

