पहाड़ से पलायन करने वालो को लंदन से आकर आइना दिखा रहे है राज भट्ट*

अनेक माध्यमों से सवार रहे युवाओं का भविष्य

लोहाघाट – आज भले ही पहाड़ की माटी में पले पोसे लोग पढ़ लिखकर पहाड़ों में सेवा देने के बजाय जन्म भूमि से ही नाता तोड़ के जा रहे हैं ऐसे लोगों को चंपावत जिले के पाटी ब्लाक के अंतर्गत सुदूर सिरतोली गांव के जीवन में कठोर संघर्ष करते हुए ऊंचे मुकाम में पहुंचे राज भट्ट आइना दिखा रहे हैं । लंदन में एलारा कैपिटल के संस्थापक एवं सीईओ राज भट्ट अपने व्यस्त जिंदगी के बावजूद भी जहां यह उत्तराखंड में शिक्षा ,चिकित्सा ,स्वास्थ्य ,रोजगार, गो सेवा के साथ ही देववाणी सँस्कृत भाषा के उन्नयन सहित तमाम कार्यक्रम संचालित कर न केवल गरीबों की खूब दुआएं बटोरे हैं बल्कि युवाओं को सही राह दिखाकर उनका भविष्य सवार रहे हैं ।इन कार्यों पर इनके द्वारा अपनी मेहनत की कमाई से प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए व्यय किये जाते रहे हैं ।श्री राज भट्ट का कहना है की साधन हीन लोगों के बच्चों की व्यथा को उनसे अच्छा कौन समझ सकता है जब जीवन में उनके खेलने कूदने व पढ़ने की उम्र होती है । उन्होंने संघर्षपूर्ण जीवन को ऐसे मुकाम में पहुंचा है जहां ईश्वर ने उन्हें गरीबों का सेवा करने का माध्यम बनाया । और उनकी दुआएं भी उनकी सबसे बड़ी पूंजी है ।श्री भट्ट प्रति वर्ष दिसंबर माह में 1 महीने के लिए अपनी जन्म भूमि की माटी का तिलक लगाने आते हैं इस दौरान ये अपने द्वारा संचालित कार्यों की समीक्षा करने के साथ नए विचारों को धरातल में उतारते हैं। श्री राज के हृदय की इतनी विशालता है कि गरीब व्यक्ति की फरियाद को यह कहकर स्वीकारते हैं कि फिक्र मत करो मैं तो हूं !
श्री भट्ट विद्या भारती द्वारा संचालित दर्जनों विद्यालयों को गोद लेकर वहां छात्र-छात्राओं का भविष्य संवार कर उनको ऊंचे मुकाम में पहुंचाने के लिए पंख लगा रहे हैं । उनकी दृष्टि में अब कुछ राष्ट्रीय विद्यालय प्राथमिक विद्यालय भी आए हैं जहां गरीबों के ही बच्चे पढ़ते हैं । इन बच्चों का भविष्य सुधारने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं । पहाड़ों में चिकित्सा व्यवस्था की संतोषजनक स्थिति न होने के कारण यह विभिन्न स्थानों में निशुल्क चिकित्सा शिविरो को भी संचालित कर रहे है । गाय को देव दूत मानते हुए गौ- संरक्षण एवं इसके माध्यम से रोजगार के अवसर सृजित करा रहे हैं । वर्तमान में लोहाघाट के दूरस्थ पसोली गाँव, टनकपुर एवं मुनस्यारी में गौ सेवा केंद्र संचालित किए जा रहे हैं । जहां सैकड़ों छोड़ी हुई गायों को सहारा मिल रहा है । युवाओं को सेना में भर्ती होने के लिए उन्हें 3 माह का निशुल्क प्रशिक्षण देकर उनके भोजन व आवास की व्यवस्था की गई है। ऐसे शिविर गढ़वाल के पुरोला व पामो ब्लॉक में चलाए जा रहे हैं अब हल्द्वानी के एमबी इंटर कॉलेज में भोजन व आवास हीन सैन्य प्रशिक्षण शिविर संचालित किया जाएगा । दिव्यांगों को सबल बनाने के लिए रामनगर ,हल्द्वानी, कोटद्वार में इनके लिए विद्यालय तथा नेशनल एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड (नाब )के तहत नेत्रहीन व्यक्तियों को रोशनी दे रहे हैं । भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों के लिए बड़ा सहारा बनकर उन्हें स्कूल भेजने की व्यवस्था की गई है ,घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए भी श्री राज एक बहुत बड़ा सहारा बन कर उभरे हैं ।उन्होंने पुलिस विभाग से संबंध स्थापित कर ऐसी महिलाओं को न्याय और रोजगार दिलाने के लिए टोल फ्री नंबर 1800180 4039 में संपर्क किया जा सकता है ।जहां एक मनोचिकित्सक परामर्श देती है। श्री राज द्वारा सँस्कृत भाषा के उन्नयन एवं बच्चों में चारित्रिक विकास व ऐसे संस्कार पैदा किये जारहे है जिससे बच्चे समाज व राष्ट्र के काम आ सके ।

By Jeewan Bisht

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