चंपावत। न्याय के देवता गोलज्यू (गोरलदेव महाराज) के मूल स्थान चंपावत से आज धरोहर संस्था की ओर से 21 दिवसीय ‘गोलू संदेश यात्रा’ निकली। जो उत्तराखंड के 75 नगरों व ग्रामीण क्षेत्रों से होते हुए 24 नवंबर को पुनः अपने मूल स्थान चंपावत पहुंचेगी।आज संदेश यात्रा के अवसर पर मांगलिक परिधानों में महिलाओं व पुरुषों ने लंबी कलश यात्रा निकाली। यात्रा का नेतृत्व प्रांतीय संयोजक विजय भट्ट यात्रा संयोजक सतीश चंद्र पांडे गोलू मंदिर कमेटी के अध्यक्ष श्याम सिंह कार्की द्वारा किया गया। जीआईसी चौक से शुरू हुई यह यात्रा प्रसिद्ध बालेश्वर मंदिर होते हुए गोरल चौड़ मैदान के समीप गोलू मंदिर में पहुंची जिसमें हर उम्र के श्रद्धालु शामिल थे। गोलज्यू महाराज का जयकारा करते हुए यात्रा जब पहुंची तब वहां लोक देवताओं का जागर शुरू हो गया। जिसमें गोलज्यू समेत ऐड़ी, कैलपाल, कैलबकरियां, भगवती, महाकाली, पंचबकरियां आदि लोक देवताओं के देव डांगर अवतरित हुए जिन्होंने सभी को अपना आशीर्वाद दिया। बाद में यात्रा के प्रांत संयोजक एवं जिला संयोजक द्वारा पंडित बसंत पांडे, पप्पू पांडे के पौरोहित्य में पूजा की गई जिसमें सतीश पांडे, विजय भट्ट, मंदिर कमेटी के अध्यक्ष श्याम सिंह कार्की, प्रतिपाल सिंह, सुधीर शाह, गौरव पांडे, शंकर पांडे ने पूजा कर देश में सुख शांति समृद्धि की कामना की। बाद में नागनाथ मंदिर में पूजा अर्चना कर यात्रा की सफलता की कामना की गई। अपनी धरोहर संस्था की ओर से दो वर्ष पूर्व गोलज्यू संदेश यात्रा की शुरुआत की गई थी जिसमें शुरुआती चरण से ही यात्रा को काफी सफलता मिलने से आयोजकों का उत्साह बढ़ता गया। संदेश यात्रा निकालने के बाद यहां गोलज्यू मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। यहां गोलज्यू मंदिर को फूलों से सजाकर उसे भव्य व दिव्य रूप दिया गया था।
यात्रा कार्यक्रम को सफल बनाने में विधायक प्रतिनिधि प्रकाश तिवारी, मयूब चौधरी, जोगिंदर नाथ, कमल जीना, प्रकाश पांडे, गौरव वर्मा, गौरव कार्की, तुषार कार्की, प्रदीप भट्ट, सौरभ, देवीलाल वर्मा, रोहित बिष्ट आदि तमाम लोग अपना सहयोग दे रहे हैं। यात्रा के प्रांत संयोजक भट्ट ने बताया कि 5 नवंबर से यात्रा टनकपुर के लिए प्रस्थान करेगी उसके बाद वह उत्तराखंड के 75 स्थान में जाएगी जहां लोग गोलज्यू महाराज के बारे में जानने के साथ उनके दर्शन कर सकेंगे। 24 नवंबर को यात्रा लोहाघाट होते हुए पुनः अपने मूल स्थान चंपावत में पहुंचेगी।

गोलज्यू के स्थान पर गोरलदेव महाराज कहा जाए।
चंपावत। वरिष्ठ पत्रकार एवं सामाजिक सरोकारों के जानकार दिनेश चंद्र पांडे के अनुसार गोलज्यू के स्थान पर गोरल देव महाराज कहां जाना युक्त संगत होगा क्योंकि चंपावत में ही गोरलदेव महाराज की उत्पत्ति एवं उन्हें न्यायकारी देवता के रूप में माना जाने लगा था। इसलिए गोलज्यू के स्थान पर गोरल देव महाराज कहां जाना प्रासंगिक भी है। इस पर तमाम बुद्धिजीवियों एवं धार्मिक लोगो द्वारा सहमति दी गई है।

By Jeewan Bisht

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