लोहाघाट। सरस्वती शिशु मंदिर शिक्षा का केंद्र ही नहीं, यह बच्चों में ऐसे आचार-विचार व संस्कार पैदा करने वाली संस्थाएं भी हैं, जहां व्यक्ति में व्यक्तित्व का विकास कर उसे राष्ट्रभक्त योग्य नागरिक बनाया जाता है। यह विचार डॉ लीलाधर भट्ट मेमोरियल सरस्वती शिशु मंदिर कर्णकरायत में आयोजित आचार्य विभाग सम्मेलन में वक्ताओं ने व्यक्त किए। हरि सिंह जी की अध्यक्षता एवं आचार्य नवीन जोशी के संचालन में एसएमसी सदस्य चंद्रशेखर मुरारी द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। आचार्य कैलाश जी ने कहा 24 घंटे में बच्चा 16 घंटे अपने परिवार में रहता है। उसे परिवार का वातावरण अधिक प्रभावित करता है। बच्चों की मां की कोख से उसमें संस्कार अंकुरित होते हैं। पूरी बगिया महक उठती है, उसी प्रकार गुणवान पुत्र पूरे परिवार को महिमामंडित कर देता है। प्रधानाचार्य नवीन गहतोड़ी ने सभी अभिभावकों का स्वागत करते हुए कहा हमारा प्रयास यहां अध्यनरत बच्चों को इतना सशक्त बनाना है कि जिससे वे जीवन के उच्च शिखर को छू सकें। आचार्य मंजू बिष्ट, महादेव एवं आरती ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर आचार्य प्रकाश, सौरभ, ममता, रश्मि, भावना एवं ममता आदि ने अतिथियों का विद्यालय परिवार की ओर से स्वागत किया।