चंपावत – बदलते दौर में पत्रकारिता का मिजाज व तासीर बदलती जा रही है । ब्रेकिंग न्यूज़ देने के चक्कर में पत्रकारों का स्वभाव बदलने के साथ समाचार की विश्वसनीयता भी समाप्त होती जा रही है । सामाजिक परिवेश में पत्रकारों की सोच एवं उनकी दूर दृष्टि से ही आम लोगों में विश्वसनीयता पैदा की जा सकती है ।यह बात जिला सूचना कार्यालय में ‘पत्रकारिता के बदलते स्वभाव विषय पर’ पत्रकारों ने अपने विचार व्यक्त किये । वरिष्ठ पत्रकार गणेश दत्त पांडे की अध्यक्षता एवं सूचना विभाग के पंकज आर्य एवं वरिष्ठ पत्रकार सतीश जोशी के संचालन में हुई गोष्ठी में पत्रकारों ने वेबाकी के साथ अपने विचार व्यक्त किये । पुराने दौर में समाचार संकलन से लेकर उसके प्रेषण में होने वाली चुनौतियों को देखते हुए आज उन्ही पत्रकारों को मीडिया की शॉर्टकट तकनीक से गुजरना पड रहा है । तब समाचारों व पत्रकारों पर लोग काफी विश्वास किया करते थे । चन्द्र बल्लभ ओली राजीव मुरारी, जीवन बिष्ट ,विनोद चतुर्वेदी, सुरेश उप्रेती , विपिन जोशी पुष्कर बोहरा, लक्ष्मण बिष्ट ,गिरीश बिष्ट, मोहन जोशी, दिनेश चंद पांडे, शुभम गौड़ गणेश पांडे, जया पुनेठा ,विनोद पाल चंद्रशेखर जोशी आदि का कहना था कि पत्रकारों को पेशे के प्रति गंभीर रहते हुए आम लोगों को ऐसी खबरें परोसनी चाहिए जिसमें व्यापक जनहित एवं राष्ट्रीय हित छुपा हुआ हो । ब्रेकिंग न्यूज़ के चक्कर में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को इस बात की सावधानी रखनी चाहिए की जल्दबाजी में कहीं वास्तविक मुद्दे दरकिनार न रह जाए । पत्रकारों को निरंतर टेक्नोलॉजी में हो रहे है बदलाव को देखते हुए आपस में महत्वपूर्ण जानकारियां साझा करने पर भी प्रयास करना चाहिए । इस अवसर पर पत्रकार , सूरी पन्त , संजयभट्ट, सुरेश गडकोटी ,सुरेश जोशी, सचिन के अलावा सूचना विभाग की आशा गोस्वामी, रजत रावत ,सुरेश चंद्र पांडेय,गीता ,खीम आदि लोग भी मौजूद थे ।