लोहाघाट । नेपाल सीमा से लगा कायल गांव चंपावत जिले का पहला ऐसा गांव होगा जहां इंटीग्रेटेड फार्मिंग के तहत किसानों की तकदीर व गांव की, तस्वीर बदल देगा । इस गाउं को ऐसा मॉडल रूप दिया जाएगा जिससे न केवल सीमावर्ती गांव का पलायन रुकेगा बल्कि क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि के द्वार भी खुलेंगे। ।कृषि विज्ञान केंद्र , लोहाघाट की प्रभारी अधिकारी डॉ अमरीश सिरोही के नेतृत्व में पहली बार इस दूरस्थ गांव में गई वैज्ञानिकों की टीम ने गांव को इंटीग्रेटेड फार्मिंग के लिए सबसे उपयुक्त पाया । हाल ही में राज्य के ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डॉक्टर पुरुषोत्तम द्वारा चंपावत को मॉडल जिला बनाने के लिए यहां इंटीग्रेटेड फार्मिंग पर जोर दिया था जिसके तहत पहाड़ी खेती के जानकार एवं पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के डायरेक्टर डॉ अनिल कुमार शर्मा द्वारा वैज्ञानिकों की टीम अध्ययन के लिए इस गांव में भेजी गई थी जिससे कृषि विज्ञान केंद्र उक्त गांव को गोद ले सके। टीम में पौध सुरक्षा वैज्ञानिक डॉ भूपेंद्र खडायत, सब्जी वैज्ञानिक डॉ रजनी पंत , पशु वैज्ञानिक डॉ सचिन पंत , कार्यक्रम सहायक फकीर चंद , गृह विज्ञान की सहायक गायत्री देवी के अलावा उद्यान विभाग के विशेषज्ञ आशीष खर्कवाल भी साथ थे ।पांच किलोमीटर लंबी पैदल दूरी तय करने के बाद गांव पहुंचे वैज्ञानिकों के दल की थकान उस समय मिट गई जब साधनों संसाधनों के अभाव के बावजूद भी इस गांव का हर व्यक्ति पारंपरिक एवं ऑर्गेनिक खेती कर रहा देखा गया उनके द्वारा हाड़ तोड़ मेहनत करने के बावजूद सड़क का आभाव इनकी मेहनत में पानी फेर रहा था।
टीम लीडर डॉक्टर सिरोही के अनुसार इस गांव की भूमि सोना उगलने वाली है । यहां के लोग बेहद मेहनती है। यहां कृषि ,बागवानी, बेमौसमी सब्जियों ,मत्स्य पालन ,डेयरी ,मुर्गी पालन आदि की अपार संभावनाएं हैं किंतु सड़क का आभाव इनकी प्रगति में सबसे बड़ी बाधा है । यहां पारंपरिक रूप से सब कुछ होता है । यदि इसे सड़क से जोड़ा जाता है तो उसी दिन गांव में आर्थिक समृद्धि प्रवेश कर जाएगी। डॉ सिरोही ने किसानों को मडुवा , माद्रा , कोना झंगोरा, आदि मोटे अनाजों के बारे में विस्तार से जानकारी दी वहीं प़ौध सुरक्षा वैज्ञानिक डॉक्टर भूपेंद्र खरायत ने फलदार पेड़ों व फसलों में लगने वाले रोगों की रोकथाम के उपाय बताएं। सब्जी वैज्ञानिक डॉ रजनी पंत ने कम भूमि में सब्जियों के अधिक उत्पादन के तरीके बताते हुए कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से इस गांव के लोगों को उन्नत प्रजाति के सब्जी पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे । पशु वैज्ञानिक डॉ सचिन पंत ने अधिक दूध के उत्पादन के लिए मिनरल पिक्चर वितरित करते हुए पशुओं के रोग व अधिक दूध के उत्पादन के उपाय बताएं । कार्यक्रम सहायक फकीर चंद ने पारंपरिक खेती को बढ़ावा देने के साथ जैविक रसायन धनामृत व जीवामृत बनाने के उपाय भी बताएं गृह विज्ञान की सहायक गायत्री देवी ने महिलाओं में खून की कमी बच्चों में कुपोषण को दूर करने के उपायों के बारे में बताया। वैज्ञानिको के दल मै किसान नेता मोहन चंद्र पांडे भी थे । इससे पूर्व युवा ग्राम प्रधान मोहन सिंह के नेतृत्व में ग्रामीणों एवं किसान नेता ने पहली बार गांव में आए वैज्ञानिकों के दल का भावपूर्ण स्वागत किया अपने सम्मान के लिए वैज्ञानिकों ने ग्राम प्रधान समेत गांव के सभी लोगों के प्रति आभार जताया
बॉक्स उद्यान वैज्ञानिक आशीष खर्कवाल ने पूरे गांव का भ्रमण कर बताया यहां आम ,लीची ,अमरुद ,कटहल शिमला ,मिर्च ,टमाटर ,फूल गोभी बंद गोभी, केला ,पपीता के अलावा बड़ी इलायची ,लहसुन प्याज के उत्पादन की व्यापक संभावनाएं हैं । किसानों को मिट्टी का परीक्षण करने की भी सलाह दी गई उनका मानना था। कि सड़क का ना होना यहां के लोगों के लिए किसी दुर्भाग्य से कम नहीं है।
बॉक्स । कायल गांव में शीघ्र ही सीडीओ आरस रावत के नेट्ट्रव मैं जिला स्तरीय अधिकारियों का दल भी गांव के दौरै में जाने वाला है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को भी गांव में आने का आमंत्रण किया है।

By Jeewan Bisht

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