लोहाघाट। सकल धाम महर पिनाना के वैष्णव शक्तिपीठ के बैसाखी पूर्णिमा के अवसर पर कपाट खुलते समय जिलाधिकारी नवनीत पांडे की उपस्थिति का प्रवासियों में दूर तक संदेश ही नहीं गया बल्कि रोजगार, शिक्षा आदि के लिए यहां से पलायन कर चुके लोगों का मूड पूर्वजों की विरासत की माटी का टीका लगाने का भी हो रहा है। पहली बार किसी जिलाधिकारी के यहां के ग्रामीणों के बीच धार्मिक आयोजन में शामिल होने से निराश लोगों में जो उम्मीद जगी है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जीवन के बयान्वे वसंत देख चुके घनानंद जोशी, चिंतामणि जोशी एवं बसंती आमा का कहना है कि भगवान उनकी शेष उम्र ऐसे जिलाधिकारी को लगे जिससे वह और ताकत के साथ जिले के लोगों का भला कर सके। श्री बद्रीनाथ के लघु रूप में महर पिनाना का वैष्णवशक्ति पीठ अनेक पौराणिक मान्यताओं को समेटे होने के बावजूद लोगों की दृष्टि में ओझल बना हुआ था। डीएम के यहां आने से न केवल यहां पर्यटन, तीर्थाटन एवं विकास का नया युग शुरू होगा बल्कि लोगों के जीवन की जटिलताएं कम होने से रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। शिक्षक खिलानंद जोशी का कहना है कि अब लोग बैसाखी पूर्णिमा, जिस दिन वैष्णव धाम के कपाट खुलते हैं उस दिन यहां मेला आयोजित करने के लिए सहमत होते जा रहे हैं।
दिल्ली में रह रहे महर पिनाना के पूरन जोशी को जब गांव में डीएम के आने की सूचना मिली तो उनको अपने पूर्वजों की याद आ गई। पूरन जोशी का कहना है कि सुविधाओ के अभाव में उन्हें अपना वह क्षेत्र छोड़ने के लिए विवस होना पड़ा, जिसके लिए लोग दिल्ली से हजारों रुपए खर्च कर वहां जाते हैं।
हरिद्वार गए लक्ष्मी दत्त जोशी का कहना है कि डीएम नवनीत पांडे के उनके गांव में आने से ही लोगों में जो खुशी देखी गई इससे स्पष्ट है कि लोगों ने भविष्यके कितने सपने संजोए हुए हैं।
पुराणों के मर्मज्ञ आचार्य प्रकाश कृष्ण शास्त्री का कहना है कि यहां के लोग वर्षों से जो आस लगाए हुए थे, जिलाधिकारी के आने से वह पूरी हो गई है। मेरा मानना है कि ईश्वर ने ही यहां का कायाकल्प करने के लिए ऐसे जिलाधिकारी को निमित्त बनाया है जिनके चेहरे का ओज ही उनका परिचय देता है।
जसोदा नंद जोशी कहते हैं की डीएम के दौरे से अब पलायन का दौर थम जाएगा। लोगों की इतनी उम्मीदें है कि घर में ही खेत के जरिए सम्मान जनक ढंग से अपना पेट पालने की योजनाओं पर आपस में विचार कर रहे हैं।