महिलाओं के स्थाई रोजगार का माध्यम बना मत्स्य पालन
लोहाघाट।बाराकोट ब्लाक के अंतर्गत अंबेडकर गांव ढ़टी गांव की महिलाओं ने अपने पुरुषार्थ के बल पर गांव की तस्वीर बदलने का सराहनी प्रयास किया है । इस गांव की भूमिहीन महिलाओं के सामने रोजगार के विकट समस्या थी, इन्होंने सिद्ध बाबा स्वयं सहायता समूह से जुड़कर जैनोला गधेरे के पानी का दोहन कर कर लगभग 9 मछली के तालाब तैयार कर लिए हैं। इस कार्य में इन्हें ग्रामोत्थान (रीप) का बड़ा सहयोग एवं सहारा मिला, जिससे ये आगे बढ़ने के लिए काफी प्रोत्साहित हुए। समूह की रेखा देवी, नीरू देवी, नारायणी दवी, कमला देवी, रेखा आर्या, हेमा देवी का कहना है कि उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उन्हें घर बैठे ऐसा रोजगार मिलेगा, जिससे वे सम्मानजनक ढंग से अपना जीवन यापन कर रही हैं। मत्स्य पालन का यह उनका व्यवसाय ऐसा है, जिसके लिए बाजार तलाशने की जरूरत नहीं बल्कि ताजी मछली खाने के शौकीन लोग उनके घर में दस्तक देकर उन्हें धन्यवाद दे रहे हैं। समूह के अध्यक्ष रेखा देवी का कहना है कि अभी तक वह ढाई लाख रुपए का व्यवसाय कर चुकी है। उनकी देखा देखी समीपवर्ती ऐसे गांव की महिलाएं भी इस रोजगार को अपने के लिए तैयार बैठी है, जिनके वहां पानी उपलब्ध है।
