लोहाघाट। इतिहास इस बात का गवाह बना हुआ है, कि जब जब जहां-जहां भारत में हिंदू कमजोर हुआ हमारे देश की सीमाएं सिकुड़ती गई, और वहाँ देश के सामने नई-नई समस्याएं पैदा होती गई । इसके लिए यह आवश्यक है कि हम अपने जातिवाद एवं आपसी विवादों से दूर रहते हुए सभी हिंदू चट्टान की तरह एकजुट होकर देश के सम्मुख व्याप्त राष्ट्रीय संकट का दृढ़ता पूर्वक मुकाबला करने के लिए आगे आए। जब तक हिंदू संगठित एवं बलशाली नहीं होता तब तक देश मजबूत नहीं हो सकता, हमारे जीवन का आधार एवं अस्तित्व ही भारत राष्ट्र पर निर्भर है। यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्तीय प्रचारक डॉ शैलेंद्र ने नगर पालिका सभागार में लोगों को संबोधित करते हुए व्यक्त किय। उन्होंने कहा देश तेजी के साथ हर क्षेत्र में विकसित एवं सशक्त होता जा रहा है। पहलगाम में हुई आतंकवादी घटना की प्रतिक्रिया में हमारी रक्षा एवं सुरक्षा सेनाओं ने पाकिस्तान को जो सबक सिखाया है, उसे देखते हुए उसकी न केवल चूलें हिल गई है, बल्कि उसे पक्का यकीन हो गया है कि भारत में अब ऐसी सरकार है, जो घर के अंदर आ कर ठोकने में देर नहीं करती है ,उन्होंने आगे कहा हालिया इन घटनाक्रमों से वैश्विक स्तर पर भारत की नई आन- बान ,शान ,में ताकत एवं शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में वैश्विक स्तर पर यह पहचान बनी है कि अब वह भारत नहीं है जो पाकिस्तान की ओर से होने वाले घटनाक्रमों की केवल निंदा किया करता था।
डॉक्टर शैलेंद्र ने कहा कि, हमारी रक्षा सेनाओं की कार्यवाही को उनकी अभूतपूर्व शक्ति और सामर्थ्य का प्रतीक बताते हुए कहा अपने ही देश में ऐसे लोग हैं जो इसे युद्ध का नाम देकर अमेरिकी हस्तक्षेप का आरोप लगाकर सरकार व रक्षा सेनाओं का मनोबल कमजोर करने में लगे हुए हैं, जब युद्ध हुआ ही नहीं तो उसमें सीस फायर का सवाल कहां से आ गया? जबकि पाकिस्तान की विरुद्ध हमारा कुटनीतिक एवं रक्षात्मक दबाव लगातार बना हुआ है
उन्होंने कहा कि प्रत्येक हिन्दू जो नाई, बढईगिरी,वैल्डिंग वर्कशॉप, सब्जी की दुकान व कोई भी अन्य कारोबार करता है ,तो उसे विकसित करने के लिए प्रत्येक हिन्दू समय समय पर उन्हें प्रेरित व प्रोत्साहित कर उनका एसा मनोबल बढाये कि अन्य लोग भी इस क्षेत्र में अपना स्वरोजगार अपना सकें। उन्होंने फौजियों , फौजी परिवारों अनुसूचित जातियों को पूरा सम्मान देने पर जोर देते हुए कहा पानी का धारा किसी से नहीं पूछता कि उसका पानी कौन पी रहा है?
अनुसूचित जातियों के बीच सहभोज आयोजित किये जाए जहां मुस्लिम बस्तियां बढ़ती जा रही है उन्हें यह याद दिलाना चाहिए कि, उनमें भी रामकृष्ण , महाराणा प्रताप के वंशजों का ही खून है, इससे पूर्व उनके यहां पहुंचने पर कार्यकर्ताओं ने उनका पारंपरिक रूप से स्वागत किया ।
