लोहाघाट। जीआईसी बापरू के प्रकाश चंद्र उपाध्याय शिक्षा जगत के ऐसे कर्मयोगी शिक्षक हैं, जिनमें पढ़ने-पढ़ाने का ऐसा जुनून है कि वह अपने छात्रों को ऊंचे मुकाम में पहुंचाने के लिए जी-जान से दिन-रात जुटे रहते हैं। यह चंपावत जिले के ऐसे शिक्षक हैं, जिन्हें यह सम्मान मिलने पर शिक्षक समाज स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा है। पाटी ब्लॉक के कनारी गांव के मूल निवासी 43 वर्षीय सात विषयों में परास्नातक श्री उपाध्याय ऐसे शिक्षक हैं, जो कभी अवकाश नहीं लेते हैं तथा इस दौरान वे छात्र-छात्राओं के बीच उनके भविष्य को संभालने में ही लगे रहते हैं। शैक्षिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक क्षेत्र में यह अपने बच्चों को राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने के लिए कभी धन की कमी को आड़े नहीं आने देते हैं। इनका सोचना है कि छात्र-छात्राओं को उनकी मंजिल तक पहुंचाने के कारण ही उन्हें मानव जन्म मिला है। वह उनके जीवन में चमक लाने के लिए जो प्रयास करते हैं, इससे उनका उत्साह और बढ़ने लगता है।
आईसीटी में हॉटस्पॉट तथा अन्य आधुनिक तकनीकी के जरिए बच्चों में शिक्षा के प्रति उमंग एवं उत्साह पैदा करने के साथ ही एससीईआरटी उत्तराखण्ड के राज्य संदर्भदाता के रूप में शिक्षकों को भी प्रशिक्षण देने के अलावा नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी), नई दिल्ली के राष्ट्रीय प्रशिक्षक श्री उपाध्याय बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई करने के अलावा उन्हें साइबर क्षेत्र की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए मानसिक रूप से तैयार कर रहे हैं। श्री उपाध्याय के छात्र-छात्राओं के प्रति समर्पण भाव को देखते हुए यहां के शिक्षाविदों का कहना है कि ऐसे शिक्षक तो आज के समय में ढूंढकर भी नहीं मिलते हैं। श्री उपाध्याय ने उन्हें मिलने जा रहे सम्मान को अपने छात्र-छात्राओं को समर्पित करने का निर्णय लिया है। श्री उपाध्याय वर्तमान में आईआईटी मुंबई से साइबर सिक्योरिटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी तीन वर्षीय कोर्स कर रहे हैं, जिससे वे अपने छात्र-छात्राओं को और अधिक आधुनिक ज्ञान-विज्ञान से जोड़ सकें।