देवीधुरा। संस्कृत भाषा नहीं बल्कि इसमें सनातन धर्म की आत्मा बसी हुई है। वेद व उपनिषदों की ऋचाओं से निकलने वाली तरंग हम सब की आत्मा को परमात्मा से जोड़कर व्यक्ति की लगन को गगन में पहुंचाकर उसके जीवन को आलोकित कर देते हैं। यह बात मुख्य समाजसेवी एवं वेद पुराणों के जानकार एबटमाउंट निवासी राजी शर्मा ने बाराहीधाम में बाराही देवी संस्कृत महाविद्यालय में बच्चों के लिए उनके द्वारा निर्मित स्नानागार एवं शौचालय का लोकार्पण एवं उन्हें ठंड से बचने के लिए जैकेट वितरण समारोह के अवसर पर छात्रों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने यहां अध्यनरत छात्रों को सनातन धर्म का ध्वजवाहक बताते हुए कहा कि आज बच्चों को शिक्षा से अधिक संस्कारों की जरूरत है, जिसमें यह महाविद्यालय बच्चों के सर्वांगीण विकास करने के साथ उन्हें संस्कार युक्त शिक्षा दे रहा है।
इससे पूर्व श्री शर्मा के यहां पहुंचने पर बच्चों एवं आचार्यों द्वारा वेद मंत्रों के साथ स्वागत किया गया। श्री शर्मा द्वारा जब उनके द्वारा लाई गई जैकेट बच्चों को पहनाई गई तो उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। महाविद्यालय के प्राचार्य कीर्ति शास्त्री ने श्री शर्मा का स्वागत करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से ही यहां बच्चों को वेद शिक्षा देने के साथ बच्चों के लिए उनका एक माता-पिता की तरह प्यार व दुलार मिलने से बच्चे भविष्य के प्रति आशावान हैं। इससे पूर्व महाविद्यालय के प्राचार्य सहित हरीश पांडे, ललित मोहन जोशी, प्रकाश जोशी, गोपाल पंतोला एवं मदन जोशी आदि आचार्यों ने श्री शर्मा का पारंपरिक रूप से स्वागत किया। इस अवसर पर मंदिर कमेटी के पूर्व निदेशक डीडी पांडे एवं हरियाणा से आए चौधरी महेंद्र सिंह भी मौजूद थे।