लोहाघाट। “है जालो” यानी होकर रहेगा। इस उद्देश्य को लेकर क्षेत्र में काम कर रही स्वयंसेवी संस्था यहां के युवाओं को सही दिशा व दशा देने के लिए उन्हीं में से उन्हीं के लिए नेतृत्व उभार रही है। जिसके तहत उनमें व्यक्तित्व का विकास करने के लिए उन्हें निशुल्क कंप्यूटर सीखने एवं अंग्रेजी भाषा को व्यवहार में लाकर उन्हें समाज में समाज के लिए कार्य करने हेतु तैयार किया जा रहा है। संस्था युवाओं में दिनोंदिन बढ़ती नशे की लत को एक बेहद गंभीर सामाजिक व राष्ट्रीय समस्या मानती है। उसका कहना है कि आज जिस तेजी के साथ देश के युवा विकास की नई दौड़ में शामिल होते जा रहे हैं दूसरी ओर जिनके लिए विकास का यह ताना-बाना बुना जा रहा है, वह नशे के कारण जिंदी लाश बनते जा रहे हैं। इसके लिए व्यापक स्तर पर जन जागरण अभियान संचालित किया जा रहा है।
होटलों, ढ़ाबों, शिक्षण संस्थाओं आदि में जाकर युवक युवतियां लोगों को जागरूक करते हुए यह संदेश दे रही हैं कि उन्हें उन समाज व राष्ट्र विरोधी ताकतों से सावधान रहना है जो युवाओं को नशे के चक्रव्यूह में फंसा कर उनका भविष्य बर्बाद करने में लगे हुए हैं। नशे का कारोबार करने वाले लोग समाज के तथा नशा करने वाला व्यक्ति अपने परिवार का दुश्मन है। नशा करने वाला, सिर्फ नशा ही नहीं करता, मां की खुशी, पत्नी का सुकून, बच्चों के सपने और पिता की प्रतिष्ठा को एक ही घूंट या कस में ही पी जाता है। इस भावधारा को लेकर दीवारों में पेंटिंग व आकर्षक स्लोगन भी लिखकर सामाजिक जागृति पैदा कर रहे हैं ।इस अभियान का नेतृत्व वाम्विल, वैशाली एवं बबीता कर रही हैं। जबकि आरती,दिव्या,सीमा, सलोनी, रोहिनी,दीपक, उर्मिला, प्रतिभा,पूजा,करण, उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं।