लोहाघाट। यदि वन सरंक्षण व वृक्षारोपण को हमने जीवन की कार्यशैली में शामिल नहीं किया तो हम भावी पीड़ी के लिए हरे भरे जंगलों के स्थान पर नंगे पहाड़ व रेगिस्तान छोड़ कर जाएंगे, यह विचार जीआईसी बापरू में विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित विचार गोष्ठी में रेंजर आर. के. जोशी ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि मानव ही पर्यावरणीय परिस्थितियों का जन्मदाता रहा है। यदि पेड़ों के प्रति हमारा आत्मीयता का भाव पैदा नहीं हुआ तो इसी के साथ मानव जीवन का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। प्रधानाचार्य सी पी गौतम की अध्यक्षता तथा ईको क्लब प्रभारी प्रकाश चन्द्र उपाध्याय के संचालन में हुई गोष्ठी में श्री उपाध्याय ने इस वर्ष की थीम बीट द प्लास्टिक पॉल्यूशन तथा लाइफ मिशन से अवगत कराते हुए कहा कि इसकी शुरुआत हमें अपने घर से करनी पड़ेगी।
वन दरोगा हेमा बोहरा ने स्मृति पौध लगाने पर जोर दिया। राजेन्द्र गड़कोटी ने जहां प्लास्टिक के उपयोग से होने वाली हानियों का जिक्र किया वहीं वन दरोगा राजेंद्र भट्ट ने बच्चों को पर्यावरण संरक्षण की शपथ भी दिलाई। इस अवसर पर डिप्टी रेंजर चन्द्रशेखर शर्मा, प्रकाश गिरि, बंशीधर जोशी, कुंवर सिंह, रमेश द्विवेदी, केशव पाण्डेय, मोहन तिवारी आदि वन कर्मियों की टीम ने विद्यालय परिसर में बच्चों व शिक्षकों के साथ सामूहिक रूप से वृक्षारोपण किया तथा बच्चों का मुंह भी मीठा कराया।