चंपावत। जिले मे बेमौसमी सब्जियों, फलोत्पादन,फूलो की खेती ,मौनपालन,मत्स्य पालन, मुर्गीपालन ,दुधारू पशुपालन, आदि के जरिए किसानों की तकदीर बदलने के लिए डीएम नरेंद्र सिंह भंडारी द्वारा संवाद स्थापित किया गया। के वी के को अपनी कार्य संस्कृति से ऊंचे मुकाम पर पहुंचा चुके वर्तमान मे भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डा ए के सिंह ने डीएम की पहल का स्वागत करते हुए कहा की यह किसानों व कृषि विज्ञान केंद्र लोहाघाट के लिए अच्छे दिन लाने की सराहनीय पहल की गई है।उन्होंने हाईटेक नर्सरी ,उन्नत बीजों के उत्पादन ,बेमौसमी सब्जियों फलोत्पादन पर अपने अनुभव साझा किए कहा हमें आलू के बीज फार्म समेत सभी फलों की जिला स्तर पर नर्सरी तैयार कर पॉलीहाउसों मे टपक सिंचाई की व्यवस्था की जाए।मौन पालन विशेषज्ञ हरीश चंद्र तिवारी ने ज्योलिकोट की तर्ज पर लोहाघाट के वी के को मौनपालन प्रशिक्षण केंद्रस्थापित करने के साथ जिले मे तुन की लकड़ी की उपलब्धता को देखते हुए स्थानीय स्तर पर मौनबक्सो का निर्माण किया जाय। मौनपालन को कुटीर उद्योग के रूप मे विकसित करने के लिए उन्होंने कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए कहा चंपावत जिले मे मौनपालन की अपार संभावनाएं है जो हजारों लोगों को रोजगार का माध्यम बन सकती है।जिलाधिकारी ने विशेषज्ञों का आभार जताते हुआ कहा की वो इस दिशा मे उनका मार्गदर्शन लेते रहेंगे। बैठक मे यह बात सामने आई है की के वी के के एवम विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर एंट्रीगेटेड फार्मिग के जरिए किसानों के चेहरों मे मुस्कान लाई जा सकती है।चर्चा मैं पंत विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार डॉ ए के शर्मा , सीडीओ आर एस रावत, डीएचओ टी एन पांडे ,सीएओ जी एस भंडारी, डीडीओ एस के पंत, केवीके के प्रभारी अमरेश सिरोही एवम अन्य वैज्ञानिक भी सामिल थे। डीएम के अनुसार शीघ्र ही पूर्व मे चंपावत जिले मे स्वेतक्रांति के जनक रहे डा भरत चन्द से भी संवाद स्थापित किया जाएगा।