लोहाघाट। लंपी वायरस की चपेट में सर्वाधिक चंपावत जिले में गोवंश को भारी नुकसान हुआ है ,जबकि यूएस नगर में समय से पशुओं में सामूहिक रूप से टीकाकरण किए जाने के कारण वहां वायरस अपने पांव नहीं पसार पाया है। पशुपालन विभाग के अपर निदेशक डॉ बी सी कर्नाटक के अनुसार नैनीताल जिले के ओखलकांडा व धारी ब्लॉक वायरल से प्रभावित हुए हैं इधर पिथौरागढ़ जिले का अधिकांश क्षेत्र, अल्मोड़ा व बागेश्वर जिले का आधा भाग लंपी वायरस से प्रभावित हुआ है। सभी जिलों के सीवीओ को पशुओं की हुई मौतों का सही आंकड़ा एकत्रित करने को कहा गया है। प्रभावित जिलों में युद्ध स्तर पर टीकाकरण एवं बीमार पशुओं को बचाने का कार्य किया जा रहा है। यू एस नगर जिले से पिथौरागढ़ व अन्य जिलों में अतिरिक्त टीमें भेजी गई हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के भ्रमण के दौरान किसानों को मिनरल मिक्चर तथा पशुओं के पेट के कीड़े मारने की दवा दिए जाने को भी कहा गया है।
अपर निदेशक ने माना कि लंपी वायरस से पशुओं को भारी क्षति पहुंची है। किसानों को हुए नुकसान के प्रति विभागीय मंत्री जी लगातार समीक्षा कर रहे हैं ।तथा इस क्षति की भरपाई के लिए उच्च स्तर पर विचार भी किया जा रहा है। अपर निदेशक के अनुसार कुमाऊं के पर्वतीय जिलों में दुग्ध उत्पादन में इजाफा लाने के प्रयासों में लंपी वायरस के प्रकोप का तगड़ा झटका लगा है। स्थिति सामान्य होने के बाद पुनः इस दिशा में प्रयास शुरू किए जाएंगे। डॉ कर्नाटक ने दुधारू पशुओं का अनिवार्य बीमा किए जाने पर जोर दिया है। उनका कहना है कि कुमाऊं के अधिकांश जिलों में लोगों द्वारा अपने पशुओं का बीमा कराया हुआ है जिसका उन्है लाभ मिलेगा।
डीएम नरेंद्र सिंह भंडारी जिले में पशुओं की हुई अकाल मौतों से काफी चिंतित हैं। वह इस मामले में लगातार सीएम से संपर्क बनाए हुए हैं। सीएम का कहना है कि पशुपालन ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एक मजबूत आधार है। लंपी वायरस से पशुओं को हुए नुकसान का आंकड़ा एकत्रित किया जा रहा है। जिले में मार्च माह से वायरल का प्रकोप शुरू हो गया था। सीएम पुष्कर धामी द्वारा पीड़ित किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए गहन विचार किया जा रहा है। पशुओं पर होने वाली ऐसी बीमारियों एवं गुलदार के हमलों को देखते हुए दुधारू पशुओं का अनिवार्य बीमा किए जाने की लगातार मांगे भी उठती आ रही है।