चंपावत। चंपावत को मॉडल जिला बनाने की सीएम धामी की परिकल्पनाएं धीरे-धीरे जिले का नाम चमकाने के साथ युवाओं के लिए उनके घर के आसपास रोजगार की संभावनाओं को पंख भी लगा रहे हैं। देश के कोने-कोने से आए राफ्टरों एवं एंगुलरों का मानना है की पहली बार उनका रुख भारत नेपाल – सीमा का विभाजन करने वाली महाकाली नदी की ओर हुआ है। यहां एंग्लिंग एवं राफ्टिंग से पर्यटन के द्वार भी खोल दिए हैं, बल्कि इससे सैकड़ो युवाओं को सम्मान से जीवन यापन करने के भी अवसर मिलेंगे। डीएम नवनीत पांडे ने देश के विभिन्न स्थानों से आए हुए राफ्टरों एवं एंगुलरों का स्वागत करते हुए कहा कि महाकाली नदी क्षेत्र के कई स्थानों में ऐसे रैपिड हैं जो उन्हें रोमांचित करने के साथ यहां आने के लिए लोगों को दावत भी देते आ रहे हैं। उनका कहना था कि जहां खेल मेलजोल एवं आपसी सद्भाव पैदा करने के सशक्त माध्यम होते हैं वही यह दुनिया को एक दूसरे के निकट बाधते जा रहे हैं। जिले में हो रही इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता से चंपावत को नई पहचान मिलने के साथ इसकी गोद में अपार प्राकृतिक वैभव समेटने के लिए इसकी शान में भी चमक आई है। उन्होंने इस आयोजन में पड़ोसी देश नेपाल को विशेष धन्यवाद दिया, जहां के लोग न केवल प्रतियोगी बने हुए हैं बल्कि इस आयोजन को सफल बनाने में भी सहयोग कर रहे हैं।
प्रतियोगियों के सम्मान में सांस्कृतिक संध्या आयोजित कर उन्हें उत्तराखंड की महान सांस्कृतिक विरासत से भी अवगत कराया जा रहा है। इस अवसर पर पर्यटन की साहसिक विंग के मुख्य कार्यकारी कर्नल अश्विनी पुंडीर ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब चंपावत समेत पूरे उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा जिसके लिए आधारभूत ढांचा तैयार किया जा रहा है।उन्होंने कहा चंपावत के पंचेश्वर में एंग्लिंग का केंद्र खोलने के साथ नेहरू पर्वतारोहण संस्थान में दोगुना युवाओं को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जा रही है। अब राज्य की अपनी ट्रैकिंग पॉलिसी भी बन रही है। विधायक प्रतिनिधि दीपक रजवार ने सीएम धामी की ओर से सभी का स्वागत किया। इस अवसर पर बीआरओ के कर्नल राकेश पाठक, ओलंपिक संघ के महासचिव बी के सिंह, नेपाल आम्स फोर्स के कर्नल पी पी पंत, पर्यटन विकास अधिकारी अरविंद गौड़ के अलावा तमाम अन्य प्रमुख लोग भी मौजूद थे।