चंपावत। गौरलचौड़ मैदान में आयोजित एक्सपो 2023 मेले में आयुर्वेदिक चिकित्सा विभाग द्वारा लगाए गए शिविर में बगैर धन खर्च किए स्वस्थ जीवन के ऐसे रहस्य बताए गए कि किस प्रकार व्यक्ति अपने को प्रकृति से जोड़कर जीवनपर्यंत आरोग्य एवं दीर्घ जीवन का सुख प्राप्त कर सकता है। जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा अधिकारी डॉ आनंद सिंह के नेतृत्व में लगाई गई आयुर्वेद चिकित्सा शिविर में लोगों द्वारा खासी रुचि दिखाई गई। डॉ सिंह ने लोगों को जानकारी दी नियमित,दिनचर्या सात्विक खान-पान, पानी को उबालकर पीने, दूसरों की खुशी में अपनी खुशी तलाशने का स्वभाव बनाने, नियमित योग एवं प्राणायाम की क्रिया करने, एवं सकारात्मक सोच रखने वाले व्यक्ति पर रोगों का कोई असर ही नहीं होता है। उन्होंने दावा किया कि प्रकृति से आत्मसात करने वाला व्यक्ति आजीवन निरोगी एवं दीर्घायु को प्राप्त करता है।
नोडल अधिकारी डॉ सुधाकर गंगवार ने आयुर्वेद की झारसूत्र,पंचकर्म,मर्म चिकित्सा आदि की जानकारी देते हुए कहा कि यह आयुर्वेद की ऐसी चिकित्सा पद्धतियां हैं जो रोग का जड़ से शमन करती है। स्टाल में आई आयुर्वेद एवं प्राकृतिक चिकित्सा की जानकार डॉ रत्ना त्रिपाठी ने बद्री गाय को प्रकृति का मोबाइल चिकित्सालय बताते हुए कहा गोमूत्र में ईश्वर ने ऐसे औषधिय गुण दिए हैं कि उसका सुबह खाली पेट सेवन करने से एक माह के भीतर ही व्यक्ति के शरीर का कायाकल्प होने के साथ उसके चेहरे से नूर छलकने लगता है। तथा पेट संबंधी रोगों का शमन होने के अलावा शरीर में खून की कमी की भरपाई भी हो जाती है। डॉ गिरेंद्र सिंह ने 425 रोगियों का निशुल्क आयुर्वेद पद्धति से उपचार करने के साथ विभिन्न रोगों के कारण व निवारण के उपाय भी बताएं। योगाचार्य गोकुल चौबे एवं हेल्थ एक्सपर्ट सोनिया आर्या ने योग को प्रणाम के जरिए स्वयं का विभिन्न रोगों का उपचार करने के तरीके बताएं। शिविर में 161 आभा आईडी कार्ड तथा 44 लोगो द्वारा स्वैच्छिक रूप से अंगदान करने के प्रपत्र भी भर गये। शिविर के संचालन में फार्मासिस्ट विनय दरमौड़ा, दीपा सैनी, देवेंद्र पवार, लीला जोशी, सुनील कॉलोनी,बालकुमार,विजय देउपा आदि ने सहयोग दिया।