देवीधुरा – बाराही धाम में चल रही श्रीराम यज्ञ ज्ञान कथा से समूचे क्षेत्र में सकारात्मक ऊर्जा की बयार बहने से भक्ति एवं शक्ति का यहां ऐसा समावेश हुआ है जहां व्यक्ति जीवन की घोर निराशा को भुलाते हुए राम नाम के रस में सरोबार हो रहे हैं ।यह पहला मौका है जब यहां किसी पुराण कथा में इतनी भीड़ उमड रही है ।जिसमें श्रद्धालु टस से मस नहीं हो रहे हैं ।विश्व कल्याण एवं देवभूमि उत्तराखंड में सुख शांति व समृद्धि की कामना के साथ सेतु आयोग के उपाध्यक्ष एवं दर्जा काबीना मंत्री राजशेखर जोशी एवं उनके अनुज अमित जोशी द्वारा आयोजित कथा में पुराणो के मर्मज्ञ एवं सनातन की समृद्ध परंपराओं से भटकते लोगों को राह दिखाते आ रहे व्यास अतुल कृष्ण भारद्वाज अपने मुखार बिंदु से ज्ञान गंगा प्रवाहित कर रहे हैं ।ब्यासपीठ से राम नाम की भक्ति की शक्ति का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा जब यह भक्ति पानी में प्रवेश करती है तो चरणामृत, संगीत में प्रवेश करने पर कीर्तन, घर में प्रवेश करने पर वह घर मंदिर बन जाता है ,जब धर्म मे प्रवेश करती है तो अच्छे कार्यों में रुचि पर पैदा होने लगती है, जब क्रिया में प्रवेश करती है तो धार्मिक रुचि बढ़ जाती है जब मानव में जाती है तो उसे महामानव बना देती है, जब सफर में जाते है तो तीर्थ यात्रा बन जाती है, भूख में प्रवेश करने पर वह उपवास एवं भोजन में प्रवेश करने पर प्रसाद बन जाता है ।
आचार्यश्री ने कहा कि जीवन एक प्रतिध्वनि है । सब कुछ वापस लौट कर आता है। आपके कर्म ही आपके भाग्य को लिखते हैं ।दूसरों को दुखी कर आज तक कोई सुखी नहीं रहा ।ईश्वर ने माता-पिता को भगवान के रूप में हर घर में भेजा है। जहां प्रतिदिन माता-पिता के चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद लेकर गौ सेवा की जाती है । वह घर किसी तीर्थ से कम नहीं होता है ।ईश्वर ने भाई को लक्ष्मण की तरह राम का दुख बांटने के लिए भेजा है। फूल कभी दोबारा नहीं फूलता। जन्म दुबारा नहीं होता जीवन में हजारों लोग मिलते हैं लेकिन माता-पिता जैसा ढूंढ कर नहीं मिलता है ,जिनका अपने बच्चों को सदा मुफ्त में प्यार मिलता है । आचार्य ने कहा दीपक बोलता नहीं । उसका प्रकाश ही उसका परिचय है ।मनुष्य सदा अच्छे कर्म करता रहे यही उसका परिचय होता है ।अहंकारी मनुष्य को किसी दुश्मन की जरूरत नहीं होती है ।जबकि सदाचारी एवं विनम्र व्यक्ति सब जगह आदर प्राप्त करता है ।कथा के आयोजन में बाराही मंदिर कमेटी एवं चार खाम सात थोको के लोग सहयोग कर रहे हैं ।यहां सेवा व समर्पण का ऐसा माहौल बना हुआ है कि लोगों की आत्मा का सीधे परमात्मा से मिलन हो रहा है ।कथा में हरियाणा से आए एकावन सदस्यीय तीर्थ यात्रियों ने भी भाग लिया । यहाँ चौबीसो घण्टे अन्नपूर्णा भंडार खुला हुआ है ।