देहरादून /हल्द्वानी सिटी। उत्तराखंड पुलिस 2015 की भर्ती में संदिग्ध पाए गए 20 दरोगाओ को पुलिस मुख्यालय ने निलंबित करने के निर्देश दे दिए। विजिलेंस जांच के बाद इनकी सूची पुलिस मुख्यालय को दी गई थी, जिसके बाद डीजीपी अशोक कुमार ने जांच पूरी होने तक जिला प्रभारियों को इनको निलंबित करने को कह दिया।
पंतनगर विश्वविद्यालय ने वर्ष 2015 में दरोगा के 347 पदों पर भर्ती परीक्षा करवाई थी। जून 2015 में इसका रिजल्ट निकला और जुलाई 2016 में 339 लोगों ने ही पुलिस को ज्वाइन किया। पिछले साल यूकेएसएसएससी भर्ती घपले की जांच के दौरान एसटीएफ को इस भर्ती में भी धांधली का पता चला। इसके बाद निष्पक्ष जांच के लिए डीजीपी अशोक कुमार ने शासन को विजिलेंस जांच के लिए लिखा, जहां से मंजूरी मिलने पर विजिलेंस ने जांच शुरू कर दी थी।
विजिलेंस ने परीक्षा के लिए अधिकृत संस्थान जी बी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर के पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय के डीन डॉ नरेंद्र सिंह चौहान और दिनेश चंद्र जोशी के अलावा हाकम सिंह, चंदन मनराल, केंद्रपाल सादिक मूसा, रूपेश जायसवाल, संजीव कुमार चौहान, राजेश पाल विपिन बिहारी और नितेश गुप्ता के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था।
हाकम के दो चयनित गांव के साथ सोशल मीडिया में वायरल हुए फोटो भी इस घपले की जांच को आगे बढ़ाने में अहम साबित हुए।