चंपावत। तल्लादेश के सघन वनों के बीच शताब्दियों से गुरु गोरखनाथ जी की तपस्थली में तब से जल रही अखंड धुना से आज भी अध्यात्म, सेवा, समर्पण की महक आती है। मंच गांव से लगभग दो किमी दूर स्थित इस स्थान में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा चंपावत से उप चुनाव लड़ने से पूर्व उन्होंने इस स्थान में आकर यहां शताब्दियों से जल रहे “धुना” की भस्म का तिलक लगाकर गुरु गोरक्षनाथ जी का आशीर्वाद लेते हुए अपने चुनाव अभियान की शुरुआत की थी। जिसमें उन्हें ऐतिहासिक सफलता भी मिली। इसके बाद इस स्थान के विकास का द्वार खुलने लगा। यह गुरु कृपा ही रही होगी कि इस मंदिर की देख रेख के लिए बाबा मस्तनाथ मठ के द्वारा यहां योगी रामनाथ जी को भेजा गया है। जो यहां के विकास के लिए पूरी तरह समर्पित है। , 84गांवों के लोगों के उपासना के इस केंद्र में पहुंचने के लिए सड़क से दो किमी की दूरी तय करनी पड़ती है। जिसमें श्रद्धालु प्रकृति के सुरम्य नजारों को देखकर उनकी आस्था इस यात्रा को काफी सुगम बना देती है। यहां मंदिर को नई शक्ल देने का कार्य किया जाना है। पर्यटन विभाग द्वारा मंदिर परिसर में टाइले लगाकर उसे चमका दिया है। इसके अलावा वॉच टावर व दो किमी के रास्ते के ऊपर धूप, बारिश से बचाव के लिए टीन शेड भी लगाएं जाने है। तथा मार्ग में यात्रियों के लिए विश्राम करने हेतु चेयर भी बनाए जा रहे हैं।
इधर योगी रामनाथ ने यहां के प्राचीन “धुना” के पुरातन स्वरूप को बनाए रखते हुए इसके ऊपर टीन शेड डालने की भी तैयारियों की जा रही है। जिसमें सभी सात दर्जन गांव के लोगों से किसी ना किसी रूप में संयोग करने की अपील की जा रही है ताकि लोगो का इस मठ से भावात्मक लगाव बना रहे। इस मठ में लगभग 150 लोगों के रहने की व्यवस्था है। यहां के जंगलों से बिजली की लाइन गुजरने के कारण उनमें खराबिया आती रहती है। जिससे यहां आने वाले पर्यटकों की परेशानियां बढ़ जाती है। जिसे देखते हुए यहां सोलर पैनल लगाने की तत्कालिक आवश्यकता है। योगी रामनाथ का कहना है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी महराज को मेरे द्वारा उन्हें यहां आने का आमंत्रण देने के बाद उनकी इस ओर आने की तीव्र इच्छा बनी हुई है। जिसे देखते हुए यहां सोलर पैनल लगाने की भी तात्कालिक आवश्यकता है।

