लोहाघाट। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा सीमावर्ती क्षेत्र के चंपावत एवं लोहाघाट ब्लॉकों को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण सड़क की घोषणा किए जाने से इन क्षेत्रों में नया सवेरा आएगा। दरअसल महाकाली नदी से लगे इन क्षेत्रों में सड़क संपर्क न होने के कारण लोगों को आर पार जाने के लिए 150 किलोमीटर लंबा सड़क का सफर तय करना पड़ता है जबकि दोनों स्थानो के लोगों के आपस में रोटी– बेटी एवम यजमान पुरोहित के भी रिश्ते चले आ रहे।मुख्यमंत्री द्वारा यहां के लोगों की दिक्कतो एवं भावनाओं को समझते हुए दोनों ब्लॉकों को जोड़ने के लिए 30 किलोमीटर लंबी सड़क स्वीकृति किये जाने से निश्चित तौर पर यहां लोगों को यातायात की सुविधा ही नहीं बल्कि कृषि, बागवानी,दुग्ध उत्पादन, फल उत्पादन आदि के जरिए यहां के लोगों की आर्थिकी काफी मजबूत हो जाएगी। नदी के किनारे वाले गांव में आम, लीची, कटहल, अमरूद, पपीता, केला, लाल धान गहत, काला भट आदि बडी मात्रा में होते हैं। लेकिन सड़क संपर्क न होने के कारण यहां की भूमि बंजर पड़ी हुई है।
हाल ही में हिमाचल का भ्रमण कर लोट किसान मोहन चंद्र पांडेय का कहना है कि हिमाचल की तुलना में हमारे यहां साधन और संसाधनों की कोई कमी नहीं है अलबत्ता ईमानदार प्रयासों के न किए जाने से यहां का विकास नहीं हो पाया। पांडेय का कहना है कि हिमाचल की तर्ज पर यहां का विकास करने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र को सशक्त बनाने के साथ दूरदराज के ग्रामीणों को आधुनिक कृषि, बागवानी, दुग्ध उत्पादन आदि की वैज्ञानिक जानकारी दी जानी चाहिए। यदि ईमानदार प्रयास किये जाए तो सीमावर्ती क्षेत्रो से पलायन को पूरी तरह रोका जा सकता है। दोनों और सड़क बनने से लोहाघाट ब्लाक व चम्पावत के मंच तामली के दोनो क्षेत्रों के आपस में जुड़ जाने से हजारों लोगो को फायदा होगा