चंपावत। मॉडल जिला चंपावत के विकास को वैज्ञानिक रूप से नई दिशा वह दशा देने में लगी जिले की नोडल एजेंसी यूकांस्ट ने महिलाओं को उनके पारंपरिक ज्ञान को विज्ञान से जोड़ने की मुहिम शुरू की है। मॉडल जिले के नियोजन में यूकांस्ट की पहल पर भारत सरकार की डेढ़ दर्जन वैज्ञानिक एवं तकनीक संस्थानों द्वारा काफी मेहनत के बाद यहां के विकास का आधारभूत ढांचा तैयार करने के साथ डैशबोर्ड भी तैयार कर लिया है। चंपावत में 56 करोड़ रुपए लागत से साइंस सिटी का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इसके बनने के बाद जिले के ही नहीं बल्कि बाहरी क्षेत्रों से यहां छात्र छात्राएं भी केंद्र का लाभ उठाएंगे। यह बात यूकांस्ट के महानिदेशक प्रोo दुर्गेश पंत ने लोहाघाट स्थित कृषि विज्ञान केंद्र का निरीक्षण करने के दौरान कहीं। उन्होंने केंद्र का सरसरी तौर से निरीक्षण करने के बाद बताया कि यहां किसानों के लिए बहुत कुछ किए जाने की अपार संभावनाएं हैं तथा मॉडल जिले के निर्माण में इस केंद्र की महत्वपूर्ण भूमिका निर्धारित की जाएगी। उन्होंने लैब टू फील्ड के तहत यहां टिश्यू कल्चर शुरू करने पर जोर देते हुए कहा कि इससे यहां कीवी समेत अन्य फलों को विकसित करने में काफी मदद मिलेगी। केंद्र में मशरूम की मेडिसिनल प्रजाति को विकसित किया जाएगा। इस मशरूम की बाजार में अधिक मांग और ऊंचे मूल्यों मैं इसकी बिक्री होती है ।
केंद्र की उद्यान वैज्ञानिक डॉ रजनी पंत,डॉ लीमा एवं गृह विज्ञान की सहायक गायत्री देवी ने महानिदेशक पंत समेत चंपावत जिले के को ऑर्डिनेटर प्रहलाद अधिकारी को केंद्र की गतिविधियों की जानकारी दी। महानिदेशक ने बताया की नई यूकांस्ट की ओर से प्रत्येक ब्लॉक में प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी जहां से वैज्ञानिक सोच को खेतों तक ले जाया जाएगा। मेडिसिनल मशरूम का उत्पादन शुरू करने से पूर्व उत्पादकों को बाकायदा इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पंतनगर विश्वविद्यालय को नई यूकांस्ट की ओर से दी गई तीन करोड की धनराशि में से काफी धनराशि कृषि विज्ञान केंद्र के शोध व प्रशिक्षण कार्य में व्यय करने की पहल कि जाएगी ।