लोहाघाट। कृमि मुक्ति दिवस को सफल बनाने के लिए ब्लॉक सभ्यागर में एक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण में ब्लॉक बाराकोट की सभी आशा, एएनएम, सीएचओ और विद्यालय से नोडल शिक्षकों ने भाग लिया। इस अवसर पर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ मंजीत सिंह ने बताया कि 10 सितंबर को कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर 115 विद्यालयों और 52 आंगनबाड़ी केंद्रों पर इसके लिए केंद्र बनाए गए हैं। डॉ मंजीत सिंह द्वारा बताया गया कि बच्चों में कृमि पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा डालते हैं, और एनीमिया, कुपोषण और मानसिक और शारीरिक विकास में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए, 2015 में भारत सरकार ने 1-19 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को कृमि मुक्त करने के लिए निश्चित दिन आंगनवाड़ी और स्कूल-आधारित राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की शुरुआत की। “राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का उद्देश्य स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से 1-19 वर्ष की आयु के सभी पूर्वस्कूली और स्कूली बच्चों (नामांकित और गैर-नामांकित) को कृमि मुक्त करना है, ताकि उनके समग्र स्वास्थ्य, पोषण की स्थिति, शिक्षा तक पहुंच और जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सके।” उनके द्वारा बताया कि 10 सितंबर को जो बच्चे किसी कारण से दवा खाने से वंचित रह जाते हैं उनके लिए 18 सितंबर और 19 सितंबर को विशेष अभियान चलाकर उन्हें दवा खिलाई जाएगी। इस मौके पर प्रभारी चिकित्साअधिकारी डॉ मंजीत सिंह, स्वास्थ्य निरीक्षिका शांति देवी, जोगेंद्र सिंह, दीपक जोशी, सुनीता जोशी,आशा, एएनएम, सीएचओ आदि लोग शामिल रहे।