
लोहाघाट। सीएम धामी द्वारा अपने निर्वाचन क्षेत्र को देश का मॉडल जिला बनाने के लिए जहां ईमानदार अधिकारियों की जरूरत है लेकिन सीएम की भावनाओं में पलीता लगाने के लिए यहां से ईमानदार अधिकारियों को हटाया जा रहा है। ताजा वारदात में सुबे के शिक्षा सचिव के हस्ताक्षर से जिले के ईमानदार अधिकारियों में गिने जाने वाले मुख्य शिक्षा अधिकारी जितेंद्र सक्सेना को उप राज्य परियोजना निदेशक कार्यालय देहरादून से संबद्ध करने का आदेश ऐसे समय में आया है जब श्री सक्सेना द्वारा जिले की शिक्षा व्यवस्था को पटरी में लाने के लिए दिन रात प्रयास किए जा रहे हैं। जिससे अभिभावक अपने बच्चों का भविष्य सुरक्षित महसूस करने लगे हैं। क्षेत्र के जनप्रतिनिधि श्री सक्सेना जैसे व्यक्ति को जिले से हटाने को सीएम धामी को बदनाम एवं उन्हें हर मोर्चे में असफल करने की एक सोची समझी साजिश मान रहे हैं। नहीं तो 9 माह के कार्यकाल में श्री सक्सेना को यहां से हटाने की क्या जरूरत पड़ी है?
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि यदि असमय में श्री सक्सेना का तबादला किया जाता तो फाइल सीएम के पास जाती किंतु उन्हें सम्बद्ध इसलिए किया गया की फाइल का निस्तारण अधिकारी अपने स्तर से ही कर सकें इससे पूर्व दुग्ध संघ में पहली बार एग्रीबिजनेस मैनेजमेंट का डिग्री धारी प्रबंधक आया था जिसके द्वारा यहां व्याप्त भ्रष्टाचार को दूर करने का प्रयास कर दुग्ध उत्पादकों के हित में काम करना शुरू किया था जिसे मात्र 8 माह में यहां से गढ़वाल मंडल भेज दिया गया। यहां यह बताना जरूरी है कि सीएम धामी की लोकप्रियता को कुछ लोग नहीं पचा पा रहे हैं जिससे ईमानदार अधिकारियों का उनके निर्वाचन क्षेत्र में जीना मुश्किल बना हुआ है। भाजपा के प्रति निष्ठावान लोगों ने सीएम से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए ईमानदार अधिकारियों को संरक्षण देने पर जोर दिया है।