लोहाघाट। अब होम्योपैथिक चिकित्सा की ओर लगातार रोगियों का रुझान बढ़ने से लोगों को सस्ती व निरापद दवाएं मिल रही हैं।इस पैथी की लोकप्रियता उस समय और बढ़ने लगी जब अन्य डॉक्टरों द्वारा ऑपरेशन की सलाह देने के बाद होम्योपैथ की दवाओं से रोगी के ऑपरेशन की आवश्यकता ही समाप्त हो गई। यहां महिला चिकित्सा अधिकारी डॉ उर्मिला बिष्ट के आने एवं जिला होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अशोक सिंह नगरकोटि के नेतृत्व में ग्रामीण क्षेत्रों में शिविर लगाने से इस पैथिक को काफी लोकप्रियता मिली है। यहां पहले की तुलना में दोगुना रोगियों की भीड़ बढ़ गई है जिसमें महिला रोगियों की तादाद सर्वाधिक है। इन शिविरों से ग्रामीण क्षेत्रों में नए अस्पताल खोलने की भी मांग बढ़ती जा रही है। जब देवीधुरा, लधीयाघाटी , पंचेश्वर ,पाटी, रीठा साहिब ,मध्य गंगोल जैसे स्थानों से रोगी उपचार के लिए लोहाघाट आ रहे हैं तो इससे उनकी दिक्कतों को समझा जा सकता है।
गोविंदी कहती है कि उसने सब जगह अपने को दिखाया जब होम्योपैथ चिकित्सा करने के बाद तो मुझे इस बात का पछतावा हो रहा है कि मैं आज तक यहां इलाज के लिए क्यों नहीं आई होंगी।
चौमेल की हीरा देवी कहती हैं कि किसी के बताने से जब वह उपचार के लिए यहां आई तो कुछ ही दिनों में मेरे रोग ठीक हो गए। मेरे लिए तो यहां की डॉक्टरनी किसी भगवान से कम नहीं है।
होम्योपैथ चिकित्सा में है सभी रोगों का प्रभावी इलाज।
अपनी विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त चिकित्सा अधिकारी डॉ उर्मिला बिष्ट कहती हैं कि होम्योपैथिक चिकित्सा में हर रोग का उपचार है महिलाओं के नशे से दूर रहने के कारण उनमें यह दवाई जादू जैसा काम करती हैं। चर्म रोग की तो उनके यहां रामबाण दवा दी जाती है ।इसी प्रकार कोई रोग ऐसा नहीं है जिसकी हम दवाइयां नहीं देते हैं।
होम्योपैथ चिकित्सा के निदेशक डॉक्टर जे०एल०फिरमाल का कहना है कि चंपावत जिले में इस पैथी की लोकप्रियता को देखते हुए लगभग 10 नए चिकित्सालय प्रस्तावित किए गए हैं यहां शीघ्र ही होम्योपैथी की पेटेंट दवाएं उपलब्ध किये जाने के बाद रोगियों को और राहत मिलने लगेगी।