चंपावत- मॉडल जिले में विकास का जो स्वरूप सामने आ रहा है, उसकी कल्पना यहां के लोगों ने स्वपन में भी नहीं की थी । दरअसल नियति का ऐसा चक्र रहा कि ना तो सीएम धामी ने कभी सोचा था कि उन्हें चंपावत से चुनाव लड़ने की नौबत आएगी और न ही जिले के लोगों ने सोचा था कि उन्हें सीएम को चुनने का कभी अवसर मिलेगा । लेकिन दोनों की मुरादे पूरी करने का ईश्वर ने अवसर दिया ।खटीमा के लोगों ने जिस धामी का महत्व नही समझा उसी धामी को चम्पावत के लोगों ने हाथों-हाथ लपक लिया तथा भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में इतने भारी भरकम जन समर्थन से विधानसभा में भेजा । जिसकी स्वयं धामी को भी उम्मीद नहीं थी । लोगों ने उन पर जो भरोसा किया उसके एवज में मॉडल जिला चंपावत के विकास का जो स्वरूप सामने आया है वह ऐतिहासिक दस्तावेज बन गया है । जिससे मुख्यमंत्री का जिले के लोगों से ऐसा मजबूत एवं भावात्मक रिश्ता बन गया है कि उनकी हर घर में पैठ हो गई है । आज जबकि अपनी वाणी को लेकर सूबे के कई मंत्री काफी चर्चाओं में आए हैं लेकिन मॉडल जिले के लोगों को अपने प्रतिनिधि पर इस बात को लेकर गर्व है कि उन्होंने मुख्यमंत्री रहते किसी व्यक्ति से अपनी वाणी से अपशब्द कह कर उन्हें अपमानित करने का कभी कोई प्रयास ही नहीं किया तथा हर व्यक्ति को दिल से सम्मान दिया जाता रहा ।
यदि मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर गौर किया जाए तो उनके द्वारा 298 विभिन्न विकास कार्यों की घोषणाएं की गई थी । जिसमें 175 में तेजी से कार्य किया जा रहा है ।इनमें पांच योजनाएं विलोपित की जा चुकी हैं एक्कासी घोषणाओ में कार्यवाही चल रही है जबकि ढाई दर्जन योजनाओं पर जिला स्तर से कार्रवाई हो रही है ।मुख्यमंत्री द्वारा जिले में चार दर्जन ऐसे बड़े कार्यो की स्वीकृति दी है जिसमें टनकपुर के आईएसबीटी, चंपावत का विज्ञान केंद्र, लोहाघाट में महिला स्पोर्ट्स कॉलेज समेत तमाम ऐसे कार्य हैं जो विकास विरासत एवं रोजगार को समेटे हुए हैं । यह कहा जा सकता है कि मॉडल जिले में समग्र विकास का ऐसा दौर चल रहा है कि आने वाली समय में यह जिला हिमाचल प्रदेश के विकसित जिलों की पंक्ति में खड़ा हो जाएगा । बड़े बुजुर्गों का कहना है कि समग्र विकास का ऐसा दौर हम देख कर जाएंगे इसकी उन्हें कल्पना तक नहीं थी ।