लोहाघाट। विगत दिनों आई आपदा ने नेपाल के सीमावर्ती नकेल गांव का भूगोल ही बदल दिया है। मोटे अनाजों,लाल चावल के अलावा सिट्रस फलों के उत्पादन के लिए अपनी पहचान बनाने वाले इस गांव के लोगों को ऐसे जख्म दिए हैं, जिसे वे कभी नहीं भूल सकते। फसलों से लहलहाते हरे भरे खेत रेगिस्तान की शक्ल ले चुके हैं। इस आपदा ने मानसिंह से उनकी पत्नी शांति देवी को, मदन सिंह से उनके पुत्र जगदीश का साथ सदा के लिए छीन लिया है। पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। भविष्य की प्रति हताश व निराश लोगों के बीच जिलाधिकारी नवनीत पांडे एवं एसपी अजय गणपति ने पीड़ितों का हाल जानने के बाद उन्हें जो युद्ध स्तर पर तमाम प्रकार की मदद एवं मानवीय संवेदनाएं मिलने से यहां के लोगों को पक्का यकीन हो गया है कि हमारा भविष्य सुरक्षित रहेगा। यहां युद्ध स्तर पर राहत व बचाव कार्य देखकर गांव के पीड़ितों की आंखों में भविष्य की आस दिखाई दे रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जन्मदिन को आज भाजपा कार्यकर्ताओं ने पूरा दिन पीड़ितों के आंसू पोंछने में लगाया। भाजपा प्रांतीय कार्यकारिणी के सदस्य सतीश चंद्र पांडे ने पीड़ितों को अपनी ओर से वस्त्र आदि वितरित किए। इस कार्य में भाजपा जिला अध्यक्ष निर्मल माहरा, सुभाष बगौली,प्रधान रमेश पांडे, जि पं उपाध्यक्ष ललित कुंवर,हुकुम सिंह,भीम सिंह, पूरन सिंह, सूरज सिंह बीटीसी सदस्य कैलाश आदि ने हाथ बंटाया।
गांव के नर सिंह, तेज सिंह आदि तमाम बुजुर्गों ने सी lएम धामी को अपना आशीर्वाद देते हुए उन्हें चिरायु रहने की कामना की। जिला प्रशासन की ओर से प्रभावित 11 परिवारों को अन्य स्थानों में शरण देकर उनके लिए कंबल, खाद्य सामग्री आदि सभी आवश्यक वस्तुएं यहां पहुंच गई हैं। अद्वैत आश्रम मायावती के धर्मार्थ चिकित्सालय की ओर से स्वामी एकदेवानंद जी महाराज द्वारा यहां कंबल एवं दवाइयां वितरित की गई। जिला प्रशासन की ओर से मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख, क्षतिग्रस्त भवन स्वामियों को दो-दो लाख, घरेलू सामग्री की खरीद हेतु 75-75 हजार तथा खाद्यान्न के लिए 10-10 हजार रुपए की सहायता दी गई है। जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने पीड़ितों को पूरी मदद करने का आश्वासन दिया है तथा पीड़ितों के बीच लगातार जिला प्रशासन संपर्क बनाए हुए है।
पीड़ितों को दी जाए और अधिक राहत।
क्षेत्रीय विधायक खुशाल सिंह अधिकारी ने भी आपदाग्रस्त गांव का दौरा कर पीड़ितों व प्रभावितों को सांत्वना दी। उन्होंने अपना घर गंवा चुके लोगों को दो-दो लाख रुपए के मुआवजे को बहुत कम बताते हुए कहा कि पहाड़ों में दो लाख तो मलवा हटाने में ही लग जाता है। उन्होंने मदद की राशि बढ़ाने के साथ क्षेत्र में पेयजल संकट को दूर करने और सड़कों की मरम्मत आदि कार्यों को भी युद्धस्तर पर संचालित करने के साथ अधिकारियों को क्षेत्र में बने रहने एवं विभागों को पर्याप्त बजट देने पर जोर दिया है। विधायक ने प्रभावित गांव के हालात से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन पर अवगत कराया तथा उन्हें जन्मदिन की बधाई भी दी।