ज़िले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत पाटन पाटनी के लोग चुनाव का मौसम आते ही
यहाँ के बुजुर्गों के सामने यह समस्या पैदा हो जाती थी कि वह कैसे अपना वोट दे पायेंगे।वोट के लिए यहाँ के लोगों को तीन से चार किमी दूर जीआईसी जाना पड़ता था।यह समस्या 91 वसंत देख चुकी बसंती पांडेय ने आज से 70 वर्ष पूर्व जब वह दुल्हन बनकर गाँव में आयीं थी तब से वह गाँव वालों की वोट देने की समस्या सुनती आ रही हैं लेकिन जिस नेता या अधिकारी से भी इस समस्या को रखा सभी टरकाते रहे।लेकिन मोदी जी के न्यू इंडिया में जी रहे आज की पीढ़ी को अपने बुजुर्गों की इस पीढ़ा को नही देखा गया।उन्होंने डिजिटल इंडिया का सहारा लेकर अपने ही गाँव में मतदान केंद्र बनाने में सफलता प्राप्त की है।
दरअसल डिजिटल इंडिया प्लेटफार्म की उपयोगिता के बारे में अपने युवा साथियों को बताते आ रहे गाँव के शशांक पाण्डेय ने इसका बीड़ा उठाया तथा घर बैठे ही ईमेल के ज़रिए संबंधित विभागों से संपर्क कर चुनाव आयोग से अपने गाँव के कनेड़ा पंचायत घर को मतदान केंद्र स्वीकृत कराने में सफलता प्राप्त की है।
जब गाँव में ही पोलिंग स्टेशन खुलने की जानकारी बसंती पाण्डेय,कलावती देवी,
सरली आमा को हुई उन्हें इस बात की बेहद ख़ुशी हुई कि वह जीवन के अंतिम पढ़ाव में कम से कम न्यू इंडिया में तो अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगी।