चंपावत। जिले में अब किसी भी प्रकार के धार्मिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक आदि आयोजनों, छोटे बड़े मेलों, सत्संग समारोह, भंडारो एवं मंदिरों में होने वाले ऐसे आयोजन जिसमें लोगों की काफी आवाजाही रहती है, ऐसे कार्यक्रमों के आयोजकों को नागरिकों के जान माल की रक्षा व उनकी सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए पूर्वानुमति लेना अनिवार्य होगा। पुलिस अधीक्षक अजय गणपति ने हाथरस की घटनाओं को देखते हुए सार्वजनिक स्थानों में लोगों के जान-माल की रक्षा के लिए एक ऐसा नागरिक सुरक्षा कवच तैयार किया जा रहा है जिसमें किसी भी प्रकार की अनहोनी को टालने के लिए उसी के अनुरूप पुलिस प्रबंधन किए जाएंगे ।
एसपी के अनुसार हालांकि चंपावत जिले में मां पूर्णागिरि, बाराही धाम देवीधुरा एवं मीठे रीठे के चमत्कार के लिए प्रसिद्ध गुरुद्वारा श्रीसाहिब में ही बड़े मेले आयोजित होते हैं जिसमें पुलिस का व्यापक बंदोबस्त होता है। लेकिन यहां तमाम अन्य कार्यक्रम जैसे सत्संग, भंडारा, सांस्कृतिक कार्यक्रम, धार्मिक कथाएं आदि के अलावा मंदिरों में भी मेले व अन्य कार्यक्रम आयोजित होते हैं, वहां लोगों के जीवन की सुरक्षा को देखते हुए लोगों के आने जाने के मार्ग, भीड़ नियंत्रण के उपाय, पार्किंग व्यवस्था, फायर सेफ्टी आदि सभी उपाय सुनिश्चित करने के लिए व्यापक रूपरेखा बनाई जा रही है। इस नागरिक सुरक्षा कवच के जरिए किसी प्रकार की व्यवस्थाओं को लेकर होने वाली अनहोनी को दावत नहीं मिल पाएगी। हालांकि प्रशासनिक तौर पर संबंधित परगने के एसडीएम द्वारा ही अनुमति प्रदान की जाती है। लेकिन इससे पूर्व संबंधित क्षेत्र का थानाध्यक्ष या कोतवाल आवेदक के स्थान का मौका मुआयना कर हर स्थिति का जायजा लेने के बाद ही एनओसी जारी करेगा। एसपी का मानना है कि कोई भी घटना होने पर वह हमें आगाह करती है कि जहां कर्मियों के कारण दुर्घटना हुई है यदि उन्हें दूर कर लिया जाए तो भविष्य में ऐसी घटनाओं को पुनरावृत्ति नहीं होती है ।