लोहाघाट। नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों के प्रसिद्ध रिषेशवर महादेव मंदिर में तथाकथित मंदिर समिति के अध्यक्ष के विरोध के बावजूद बाबा मोहनानंद की देखरेख में पुराण कथा शुरू हो गई है। चित्रकूट एवं वृंदावन से कथा वाचक एवं विद्वान संतों की मंडली आज सुबह ही यहां पहुंच गई थी। विवाद की स्थिति को देखते हुए पुलिस का तगड़ा बंदोबस्त किया गया था। जिला प्रशासन द्वारा कुछ शर्तों के साथ कल देर रात बाबा को कथा करने की अनुमति दी गई थी। जबकि इस विषय में न्यायालय द्वारा पहले ही बाबा को पूजा पाठ एवं धार्मिक क्रियाकलाप करने का आदेश दिया गया था।सुबह मंदिर समिति के तथाकथित अध्यक्ष के गांव की महिलाओं समेत अन्य महिलाओं द्वारा कलश यात्रा निकाली गई। जिसमें आशा वर्कर संगठन की जिलाध्यक्ष सरोज पुनीठा भी शामिल थी। प्रथम दिन विवाद की स्थिति को देखते हुए श्रोताओं की अपेक्षाकृत कम भीड़ रही। अलबत्ता पुराणों के मर्मज्ञ आचार्य शिव भवन त्रिपाठी एवं जूना अखाड़े की साध्वी 108 माहेश्वरी गिरी ने पुराण कथा के महत्व एवं इससे सुनने वालों को मिलने वाली आध्यात्मिक शक्ति का वर्णन करते हुए सनातन को मजबूत करने पर बल दिया।उनका कहना था कि जहां सद्बुद्धि होती है वहां पुराण कथाओं का आयोजन किया जाता है। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए भंडारा शुरू हो गया है। आयोजकों को उम्मीद है कि कल से यहां श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने लगेगी।