देवीधुरा। कुमाऊं के हृदय में बसे बाराही धाम देवीधुरा के राजकीय आदर्श महाविद्यालय में जन आकांक्षाएं पूरी नहीं हो रही है। जिससे यहां अध्यनरत छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में लटक गया है। इस महाविद्यालय में क्षेत्र के ही नहीं बल्कि जिले की सीमा से लगे नैनीताल व अल्मोड़ा जिले के छात्र भी अध्ययन के लिए आते हैं। अभी तक यहां बीए, बीएससी की कक्षाएं ही चल रही है। इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकार में पड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा यहां के छात्रों की दिक्कतों को देखते हुए गत वर्ष 21 मई को महाविद्यालय में भूगोल, इतिहास व शिक्षा शास्त्र विषयों से एमए की कक्षाएं स्वीकृत करने के साथ महाविद्यालय को जोड़ने वाली सड़क मार्ग को पक्का करने की भी घोषणा की गई थी। इस घोषणा के बाद शासन के अनुसचिव के द्वारा निदेशक उच्च शिक्षा को महाविद्यालय में एमए कक्षाएं शुरू करने हेतु प्रस्ताव देने को कहा गया था लेकिन अभी तक विषयों की स्वीकृति न मिलने से यहां से स्नातक उत्तीर्ण छात्र छात्राएं असमंजस में पड़े हुए हैं। इधर क्षेत्र के ग्रामीणों जनप्रतिनिधियों का कहना है कि महाविद्यालय में पूरा स्टाफ होने के बावजूद भी प्राचार्य, छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन पढ़ने पर जोर दे रही है। जनप्रतिनिधियों ने प्राचार्य के रूख को देखते हुए तत्काल प्रभाव से उन्हें यहां से स्थानांतरित करने की मांग करते हुए आरोप लगाया है कि इनके निष्क्रीय रहने से महाविद्यालय का विकास अवरुद्ध हो गया है। जिसका खामियाजा यहां के छात्र-छात्राएं भुगत रहे हैं। ग्राम प्रधान ईश्वर सिंह बिष्ट के अनुसार महाविद्यालय में एमए की कक्षाएं शुरू न होने से यहां के गरीब छात्रों के सामने बड़ी विकट समस्याएं पैदा हो गई है। उन्होंने मुख्यमंत्री को पुनः ज्ञापन भेज कर महाविद्यालय की समस्याओं के अलावा स्थानीय राजकीय चिकित्सालय का उच्चीकरण करने, राजकीय महाविद्यालय को कनवाण बैंड से सड़क से जोड़ने एवं जीआईसी रीठाखाल में विज्ञान की कक्षाएं खोलने की भी मांग की है।