लोहाघाट / चंपावत। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने लोगों को आगाह किया है की उत्तराखंड की मान मर्यादा व देवत्व को बचाने के लिए राष्ट्रीय दलों का काला मुंह कर पूर्वोत्तर राज्यों की तरह उत्तराखंड को संविधान के अनुच्छेद 371 का कवच प्रदान कर इसे धर्मशाला बनने से बचाने की जोरदार मांग की है । पार्टी ने लोगों को जागरूक करते हुए उन्हें सजक किया है कि यदि उन्होंने समय रहते उत्तराखंड को बचाने की अपनी सोच नहीं बदली तो इस राज्य का वही हाल हो जायेगा जैसे चील के घोंसले में रखे मांस के टुकड़े का होता है । अपने चुनाव अभियान के तहत चंपावत, लोहाघाट , बाराकोट, पाटी में चुनाव सभाओं को संबोधित करते हुए पार्टी के प्रमुख कार्यकर्ता नरेश नौडियाल , एडवोकेट नारायण राम , दिनेश उपाध्याय, भोपाल रावत , सक्षम पांडे ने कहा अलग उत्तराखंड राज्य बनने के बाद राष्ट्रीय दलों ने इसे धर्मशाला बना कर यहां की शान, पहचान, संस्कृति , जन सरोकारों, मूल्यों व परंपराओं को आघात पहुंचाया है।उन्होंने क्षेत्रीय दलों को अग्रिम पंक्ति में खड़ा करने की अपील करते हुए कहा की पहाड़ का व्यक्ति ही पहाड़ के मर्म व पीडा को जानता व समझता है । जिस राज्य के नेता ही नहीं मुख्यमंत्री तक पहाड़ से उतर कर मैदान में जाने लगे तो यही पर से पहाड़ों के पलायन की शुरुवात होने लगी । पहाड़ की खेती व बाग बगीचों में बंदरों व जंगली जानवरों ने डेरा डाल लिया है दूसरी ओर रोजगार के नाम पर बाहरी लोगों को यहां दावत दी जा रही है जिससे पहाड़ के नौजवान के सामने बड़ी बिकट स्तिथि पैदा हो गई है कि जाएं तो कहां जाएं ? उन्होंने ग्राम प्रहरी से लेकर पीआरडी के जवान , संविदा कर्मी , आशा व आगनवाड़ी बहनों आदि को इक्कीस हजार रुपए मासिक मानदेय देने पर जोर दिया ।
पार्टी प्रत्याशी किरण आर्या ने सिंह गर्जना करते हुए कहा कि पहाड़ में शुरू से ही चौकीदार के रूप में जागते रहो का उदघोष कर यहां के जल, जंगल व जमीन को लुटेरों से बचाती आ रही उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के त्याग के कारण ही यहां की भूमि को माफियाओं से बचाया जा रहा है। उन्होंने ने कहा हम चुनाव मैदान में पैसा कमाने के लिए नहीं बल्कि पहाड़ के मान व स्वाभिमान को बचाने के लिए उतरे हैं । हमारा एक मात्र लक्ष्य उत्तराखंड को राजनीति के गिद्धों से बचना है जो इसे नोचने के लिए मौके की तलाश में हैं। संसदीय क्षेत्र की एक मात्र महिला प्रत्याशी किरण ने दावा किया कि आज देर सवेर पहाड़ में लगातार किए जा रहे घावों से आगत होकर लोग उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के महत्व को समझने लगे हैं जो पहाड़ के लोगों के हितों को वास्तव में पहरेदार का काम कर रही है ।
