लोहाघाट। नियति का क्रूर चक्र कहां व कब घूम जाए ,कोई नहीं जान सकता लेकिन उस मां पुष्पा को ईश्वर ने कहां से इतनी शक्ति दी होगी की एक और पाल पोषकर बेटी सुनीता के हाथ पीले कर उसे विदा करने के बाद मां के तथा परिवार के अन्य लोगों के आंख के आंसू थमे भी नही गये थे कि उनके सामने कफन में लिपटा पति दीपक जोशी का पार्थिव शरीर आ गया । इस हृदय विदारक दृश्य को लोगों ने दिल थाम कर देखा । एक ओऱ घर में बेटी के विवाह की शहनाई गूंज रही थी ,पूरा खुशनुमा माहौल था ।दूसरी ओर पिता चंपावत के जिला अस्पताल में जिंदगी के अंतिम दिन गिनते हुए बेटी को अपनी भावनाओं से उसे आशीर्वाद दे रहे थे।यह दिल दहलाने वाली घटना निकटवर्ती सुई गांव की है । जहां 52 वर्षीय दीपक जोशी की तीन बेटियों में सबसे छोटी बेटी सुनीता का रविवार को विवाह था । देवीधुरा के किमाड़ गांव के हरीश चन्द्र जोशी के बेटे निर्मल की बारात गांव में आ गई । इससे पूर्व संध्या में दुल्हन के पिता का स्वास्थ्य एकाएक खराब हो गया ।जिसे लोहाघाट के अस्पताल भर्ती कराया गया । स्वास्थ्य में थोड़ा सुधार होने के बाद उसे घर पहुंचाया गया । किंतु बारात के दिन सुबह स्वास्थ्य एकाएक बिगड़ गया । जिसे जिला अस्पताल ले जाया गया । जहाँ बीमार व्यक्ति की बेटी की शादी की बात सुनकर अस्पताल के डॉक्टर , पैरामेडिकल स्टाफ ने उसे बचाने का पूरा प्रयास किया । लेकिन बेटी सुनीता जिस वक्त निर्मल के साथ जीवन बिताने के लिए अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लगा रही थी ठीक उसी वक्त पिता ने चिकित्साल में दम तोड़ दिया । क्षेत्र के पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं हर व्यक्ति के सुख-दुख में परछाई की तरह चलने वाले सचिन जोशी एवं दुल्हन के परिजनों ने सूझबूझ से काम लिया तथा दुल्हन के पिता की मौत की खबर को हवा नहीं लगने दी । विदा होते समय दुल्हन को इस बात का मलाल था कि वह अपने सर में पिता का हाथ रख कर आशीर्वाद प्राप्त नहीं कर पाई । जिसे उन्होंने पाल पोस कर बड़ा किया था । दुल्हन को पिता की मौत की खबर ससुराल में जाकर दूसरे दिन मिली । दुल्हन के ताऊ प्रकाश जोशी ने विवाह की सारी रस्म अदा की इस हादसे से दीपक के परिवार में ही नहीं गांव के लोग भी काफी सकते में हैं। दीपक का आज रामेश्वर घाट में लोगों ने अंतिम संस्कार किया ।