चंपावत। अब उच्च गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्राप्त करने वाले पहाड़ के बच्चों के लिए गरीबी आड़े नहीं आएगी ।भले ही आज तक दून जैसे जिन महंगे विद्यालयों में अपने बच्चों का दाखिला कराने के लिए गरीब अभिभावक सपने में भी नहीं सोच पाते थे लेकिन अब शिव नादर फाउंडेशन ने उत्तराखंड के आठ जिलों से गरीबी के साए में डूबे हीरो की तलाश कर उनके जीवन को तरासने का बीड़ा उठाया है। जिसमें बच्चों को 6 से 12 तक की शिक्षा, आवास, भोजन, ड्रेस सहित सभी आवश्यक सुविधाएं मुफ्त मिलेंगी। इस संबंध में फाउंडेशन का महानिदेशक विद्यालय शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा उत्तराखंड के बीच समझौता हुआ है । फाउंडेशन के परियोजना निदेशक रिटायर्ड आईएएस एवं उत्तराखंड के शिक्षा सचिव रह चुके एसके माहेश्वरी ने बताया की शुरुआत में उत्तराखंड के नैनीताल, अल्मोड़ा, चंपावत एवं ऊधम सिंह नगर के अलावा गढ़वाल मंडल के टिहरी ,पौड़ी, एवं देहरादून तथा हरिद्वार जिलों का चयन किया गया है। श्री माहेश्वरी के अनुसार वह गरीबी में दबे हीरो को चमकाने के ऐसे प्रयास में जुटे हैं जिसमें ठेट ग्रामीण क्षेत्रों में पांचवी कक्षा में पढ़ने वाले छात्र छात्रा जिसकी उम्र छात्र की 10 से 11 वर्ष तथा छात्रा की उम्र 11 से 12 वर्ष होनी चाहिए। आवेदन के साथ आधार कार्ड ,आय प्रमाण पत्र , स्थाई निवास लगाना आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि बच्चों के चयन के बाद पहले जिला स्तर पर परीक्षा होगी उसमें चयनित छात्रों की एक परीक्षा और होगी उसमें चयनित बच्चों के प्रपत्रों की जांच करने के बाद उन्हें सीतापुर व बुलंदशहर स्थित विद्याज्ञान में प्रवेश कराया जाएगा । उन्होंने बताया कि पहले बच्चों को हिंदी मीडियम कुछ समय बाद हिंदी अंग्रेजी तथा बाद में अंग्रेजी मीडियम से पढ़ाई की जाएगी। वर्तमान में यूपी के 75 जिलों के चयनित छात्र वहां पढ़ रहे हैं। बच्चों को आवेदन कर आवेदन एवं चयन तक कोई फीस नहीं देनी है। उसके बाद हर सुविधा मुक्त होगी। उन्होंने यह भी बताया कि इस परीक्षा में बच्चा केवल एक बार ही शामिल हो सकेगा। हर पात्र बच्चों को शामिल किया जाएगा परीक्षा में।
चंपावत। जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने इस संबंध में गांव-गांव से ऐसे पात्र बच्चों की तलाश युद्ध स्तर पर शुरू कर दी है जिसमें पूरा शिक्षा महकमा जुटा हुआ है डीएम के अनुसार यह सुनहरा अवसर बच्चों को केवल एक ही बार मिलने जा रहा है ।जिसके लिए उन्होंने समाज के जागरूक लोगों से इस कार्य में सहयोग की अपील की है मालूम हो कि इस परीक्षा में शामिल होने वाला बच्चा यदि असफल हो गया तो उसे दोबारा परीक्षा देने का अवसर नहीं मिलेगा।