
उनका कहना है कि वर्ष 1919 से वर्ष 2014 तक पंचायतों में इसी प्रकार की व्यवस्था लागू थी इसके विरुद्ध संगठन द्वारा उच्च न्यायालय उत्तराखंड एवं उच्चतम न्यायालय के बाद दायर किया गया, जिसके फलस्वरूप न्यायालय द्वारा इस व्यवस्था को समाप्त कर ग्राम पंचायतों में तैनात बहुउद्देशीय कार्मिकों को उनके मूल विभागों में प्रत्यावर्तित किया गया। वर्तमान में इस प्रकार की व्यवस्था लागू किया जाना स्वीकार नहीं होगा।
बहिष्कार में महामंत्री अशोक कुमार बिष्ट, अध्यक्ष शिवांशु वर्मा,उमेदराम जौंला, कौशल पांडे, रविंद्र सिंह फर्त्याल, प्रेमचंद, अश्विन सागर, अनिरुद्ध पुनेठा, ललित मोहन पांडे, दिनेश सिंह बिष्ट, दीपक जोशी, संगीता आर्य, दीपक चंद्र आदि रहे शामिल।
