लोहाघाट। मौसम चक्र में तेजी से आते जा रहे बदलाव के कारण सिमटते जल श्रोत से कृषि व बागवानी के सम्मुख पैदा हुई गंभीर समस्या व चुनौतियों के बीच किस प्रकार किसान अपने आजीविका के साधनों को जीवंत रूप दे सकें, इसी उद्देश्य से उद्यान विभाग द्वारा पीएमकेएसवाई के तहत आयोजित जिला स्तरीय कार्यशाला में जिले के सभी ब्लाको से आए प्रगतिशील किसानों ने जहां सिंचाई की आधुनिक तकनीक की जानकारी ली। वहीं उन्होंने अपने अनुभव साझा किए। डी एच ओ टी एन पांडे ने कार्यक्रम का सुभारंभ करते हुए सभी किसान एवं विषय विशेषज्ञों का स्वागत किया कहा , वर्तमान में बढ़ते तापमान ने हम सबकी भविष्य की चिंताओ को बढ़ाते हुए विषम परिस्थितियों के बीच आज किसानों को टपक सिंचाई तकनीक की ऐसी जानकारी दी जा रही है जिसके जरिए हम 70 फीसदी जल का संचय कर उत्पादन में और वृद्धि कर सकते है। उनका कहना था कि किसान का खेत एक ऐसा माध्यम होता है जो उसका पेट पाल कर सम्मान जनक ढंग से उसे जीने का अवसर देता है ।विभाग द्वारा हर स्तर पर किसानों की आय दो गुना करने के लिए किए जा रहे प्रयास के बाद हमे इस बात का संतोष है की इस दिशा में हमरे कदम आगे बढ़ते जा रहे है” के वी के उद्यान वैज्ञानिक डॉ रजनी पंत ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि चंपावत जिले को ईश्वर का यह वरदान है की यहां खेत से सोना पैदा करने की अपार संभावनाएं है उन्होंने बेमौसमी सब्जी , फल फूलो के जरिए किसानों को अपने तकदीर बदलने के अनेक टिप्स दिए जिन्हे आत्मशात करके लगातार आगे बढ़ सकते है। उन्होंने टपक सिंचाई को आज के समय में किसानों की ज्वलत आवश्यकता बताते हुए इसका पूर्ण दोहन करने पर बल दिया। कार्यशाला का संचालन करतें हुए एडीओ आशीष रंजन खर्कवाल ने बदलती पर्यावरणीय परिस्थितियों में किसानों को आधुनिक ज्ञान विज्ञान एवं तकनीक का सहारा लेने पर जोर देते हुए कहा विभाग द्वारा उद्यान एवं बेमौसमी सब्जियों के क्षेत्र मै जो नए प्रयास किए जा रहे है, वह दिन दूर नही जब उससे क्षेत्र में अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे। हमारे द्वारा कार्यक्रम किसान को केंद्रबिंदु बनाकर किया जाता है। एडीओ उद्यान पाटी प्रदीप कुमार पचौरी ने उपकरणों का प्रदर्शन करते हुए बताने का प्रयास किया की किस प्रकार पानी की कमी के चलते बूंद बूंद सिंचाई कर सब्जी व बागवानी उत्पादन को जिंदा रख सकते है।कृषि विशेषज्ञ आशुतोष कुमार सिंह ने खेती की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए नई वैज्ञानिक तकनीक पर जोर दिया । इस अवसर पर एडीओ निधि जोशी व फकीर चंद ने भी किसानों का मार्गदर्शन किया। कार्यशाला में आये किसानों ने अपनी तमाम शंकाओं का निवारण किया। कार्यशाला के आयोजन में विदुर सिंग राणा, सुनील नाथ, मुकेश सिंह, पूरन सिंह आदि लोगों ने सहयोग किया।