चंपावत। दुग्ध संघ के सेवित क्षेत्रों में लंपी वायरस से 378 दुधारू पशुओं की मौत होने के कारण दो हजार लीटर से अधिक दूध का प्रतिदिन उपार्जन कम हो गया है। इस बात का खुलासा दुग्ध संघ की अध्यक्ष पार्वती जोशी की अध्यक्षता एवं सचिव बीएस नगरकोटी के संचालन में हुई बोर्ड की बैठक में हुआ। सचिव नगरकोटी ने जिले की सभी समितियों में विभागीय कर्मचारियों द्वारा किए गए सर्वे में 378 दुधारू पशुओं की मौत होने की पुष्टि की है । यह संख्या केवल दुग्ध संघ के सेवित क्षेत्रों की ही है, जबकि पशुपालन विभाग द्वारा अलग से मृतक पशुओं का आंकड़ा जुटाया जा रहा है। बैठक में बोर्ड के प्रतिनिधियों का कहना था कि दुधारू पशुपालन चंपावत जिले की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मुख्य स्रोत रहा है। लंपी वायरस से जिले की अर्थव्यवस्था काफी प्रभावित हुई है। दुग्ध उत्पादकों को हुए भारी नुकसान की भरपाई के लिए सरकार से प्रत्येक प्रभावित पशुपालक को 50-50 हजार का मुआवजा देने की मांग की है। बैठक में बढ़ते शहरीकरण को देखते हुए दुग्ध समितियों के अस्तित्व को बचाने के लिए संघ अब सुबह और शाम भी दूध का संग्रह करेगा साथ ही उपभोक्ताओं को सायंकालीन बेला में भी एटीएम के जरिए ताजा दूध उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा जिले के चंपावत, लोहाघाट, एवं बाराकोट ब्लॉको के नगरीय क्षेत्रों के आसपास अल्पावधि, मध्यावधि एवं दीर्घकालीन योजनाएं तैयार की जा रही है। आंचल पैक्ड मिल्क एवं अन्य बायो प्रोडक्ट की अधिक बिक्री सुनिश्चित करने के लिए डोर टू डोर इनकी खपत करने का भी प्रयास किया जाएगा।
बैठक में आम सहमति के आधार पर बनबसा में नेपाल से आने वाले दूध का उपार्जन एवं विपणन किए जाने के लिए यहां नई दुग्ध समितियों का गठन कर दूध का संग्रह कार्य शुरू किए जाने का भी निर्णय लिया गया। दुग्ध संघ में आउट सोर्स द्वारा नियुक्त कर्मियों की योग्यता एवं कार्य क्षमता के आधार पर उनकी श्रेणियां बनाकर उन्हें परिवर्तित वेतनमान दिए जाने की भी संस्तुति की गई। बैठक में बोर्ड के उपाध्यक्ष मोहन पाटनी, सदस्य के एन जोशी, पी एस बोहरा, जीवंती देवी, मंजू मनराल, बसंती देवी, विमला देवी, सहायक निदेशक डेरी ओंकार नाथ सिंह, प्रभारी प्रशासन भूधर जोशी, पी एंड आई एम एस पाटनी आदि ने चर्चा में भाग लिया।