लोहाघाट। जनपद के दुरस्थ क्षेत्र के विद्यालय में सेवारत अतिथि शिक्षकों को ग्रीष्मवकाश का मानदेय न मिलने से उनमें में भारी आक्रोश व्याप्त है। अतिथि शिक्षकों के कारण ही जिले की शैक्षिक व्यवस्था टिकी हुई है। अतिथि शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष सुभाष गोस्वामी के अनुसार गुजरे एक दशक से अपनी सेवाएं दे रहे अतिथि शिक्षकों को लगातार ग्रीष्मावकाश व शीतावकाश का लगातार मानदेय मिलता रहा है।लेकिन जिले के नए मुख्य शिक्षा अधिकारी द्वारा ग्रीष्मवकाश का मानदेय देने से इसलिए मना कर कर दिया गया है कि इस आशय का शासनादेश स्पष्ट नहीं है। इस संबंध में उच्चाधिकारीयो को लिखा गया है, वहां से आदेश प्राप्त होने के बाद ही अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। संगठन का कहना है कि उत्तराखंड के शेष जिलों में इसी शासनादेश के तहत अतिथि शिक्षकों को बाकायदा ग्रीष्मवकाश का मानदेय दिया जा चुका है। अतिथि शिक्षकों में 70 ऐसे शिक्षक हैं जो बाहरी जिलों के हैं। तथा किराए में रहते आ रहे हैं इतने कम मानदेय मिलने के बावजूद भी जैसे तैसे वै अपनी गुजर कर रहे हैं। इस संबंध में चंचल कुंवर, प्रदीप गोस्वामी, बसंत बोहरा, योगेश, मनीष भट्ट, सीएस पांडे ने मुख्य शिक्षा अधिकारी से बात कर उन्हें ग्रीष्मवकाश का मानदेय देने की मांग की लेकिन कोई राहत भी मिली है। इस संबंध में अतिथि शिक्षक संघ की ओर से मुख्यमंत्री का भी ध्यान आकर्षित किया गया है।