लोहाघाट l राजकीय पीजी कॉलेज में “देव भूमि उद्यमिता” कार्यक्रम के तहत छात्र-छात्राओं का बारह दिवसीय रोजगार प्रशिक्षण कार्यक्रम समारोह का समापन किया गया l मुख्य अतिथि के रूप में अपनी लाखों की नौकरी छोड़ कर पूर्वजों की उजड़ी विरासत को आबाद कर उसमें से सोना पैदा करने के प्रयास में जुटकर गाँव के अन्य लोगों को स्वरोज़गार के लिए आयना दिखा रहे राकेश उपाध्याय ने प्रशिक्षणार्थीयों से कहा की आपके पास सभी साधन, संसाधन उपलब्ध है जिनका दोहन कर आप सम्मानजनक ढंग से जीवन यापन कर सकते है उन्होंने स्वयं का उदाहरण देते हुए कहा की मैं ऐसी कंपनी की नौकरी छोड़ कर आया हूँ जहां उन्हें सभी भौतिक सुख सुविधाऐं उपलब्ध तो थी लेकिन यहाँ की जैसी शुद्ध आबोहवा, जैविक सब्जियाँ, दूध, शुद्ध पर्यावरण वहाँ कहाँ से आता जिसमें जीने के लिए आज मैदानी क्षेत्र के लोग तरस रहे है। लेकिन विडम्बना यह है की हम अपने पूर्वजों की महान विरासत को छोड़ कर मैदानी क्षेत्रों में भीड़ का हिस्सा बन कर दवाओं के सहारे अपना जीवन यापन कर रहे है l राकेश उपाध्याय ने छात्र-छात्राओं से कहा की वे अपने जीवन का लक्ष्य बनाये की वे नौकर नहीं, नौकरी देने वाला बनें l मास्टरट्रेनर आर. सी. पंत ने कहा की प्रशिक्षण के दौरान छात्र-छात्राओं द्वारा ली गई रुची इस बात का संकेत की वे जीवन में कुछ नया करना चाहते है l
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. संगीता गुप्ता प्राचार्य ने कहा की छात्र-छात्राओं को स्वयं अपनी प्रतिभा का मूल्यांकन कर यह सुनिश्चित करना होगा कि वे जीवन में करना क्या चाहते है ? क्योंकि समय में पंख लगे हुए है जो आज है, कल नहीं आएगा उन्होंने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए की किस प्रकार हम अपने घर में प्रकृति से आत्मसात कर ऐसा उद्यम स्थापित कर जीवन भर खुश रहे l इससे पूर्व कार्यक्रम की नोडल अधिकारी डॉ. अर्चना त्रिपाठी, एवं सदस्य, डॉ. लता, डॉ. प्रकाश लखेड़ा, डॉ. मनोज कुमार, डॉ. सोनली कार्तिकेय ने मुख्य अतिथि समेत सभी के प्रति स्वागत एवं आभार जताया l इस अवसर पर सभी प्रशिक्षित छात्र-छात्राओं द्वारा स्वनिर्मित मॉडलों के ज़रिए अपना प्रस्तुतिकरण दिया l