लोहाघाट राजकीय पीजी कॉलेज का परिसर कुमाऊनी व्यंजनों एवं मोटे अनाजों की महक से गुलजार हो गया था हर किसी व्यक्ति को अब यह महक अपनी और खींचते हुए पूर्वजों के समय से पारंपरिक रूप से भोजन के रूप में लेकर आ रहे व्यंजनों से भी रूवरू होने का अवसर मिला l मौका था कॉलेज में एम.ए. अंतिम वर्ष की छात्राओं द्वारा प्राचार्य डॉ. संगीता गुप्ता की ओर से मोटे अनाजों एवं पहाड़ के पारंपरिक व्यंजनों में छुपी पौष्टिकता एवं सेहत को तरावट देने वाले व्यंजनों को हर घर की रसोई तक पहुँचने की मुहिम के तहत सभी प्रकार के व्यंजन बनाए गये थे l जिनका स्वाद एवं जायका इस प्रकार का था की हर व्यक्ति के जुबान से ओह कितना लाजवाब बना हुआ है, निकल रहा था l गृह विज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ. अपराजिता एवं डॉ. सोनाली कार्तिक की देख रेख में छात्राओं द्वारा बनाये गये व्यंजनों को देख हर किसी के मुँह में पानी आ रहा था l
छात्राओं द्वारा परोसे गए भटट् की चुडकानी, उरद की दाल के बड़े, खजूरे, चावल के माड़े, भट्ट की दाल, आलू और मूली का थेचुवा, आलू के गुटके, भांग की चटनी, गहत के डुबके एवं मड़वे का हलुवा की अलग ही तासीर थी l
इस अवसर पर डॉ. केसी जोशी, डॉ. रेखा जोशी, डॉ. प्रकाश लखेड़ा, डॉ. दिनेश व्यास, डॉ. कमलेश शक्टा, डॉ. रवि सनवाल, डॉ. महेश त्रिपाठी, डॉ. दिनेश राम, डॉ. नीरज कांडपाल, डॉ. स्वाति जोशी, डॉ. स्वाति बिष्ट, डॉ. ममता बिष्ट, डॉ. भगत लोहिया, डॉ.अभिषेक पंत, डॉ. शांति, डॉ. एके द्विवेदी, डॉ. सरोज यादव, डॉ. मयूर बगड़वाल, डॉ. ट्विंकल, डॉ. सरस्वती भट्ट मुकेश कुमार भट्ट, चन्द्रा जोशी व समस्त ऑफिस स्टाफ ने छात्राओं के प्रयासों को सराहा। प्रतिभागियों में मोनिका, शालिनी गोरखा, तनुजा पांडे, दिया जोशी, रोहिता, अंजलि, मानसी बिष्ट आदि छात्राएं उपस्थित रहीं।