लोहाघाट। जब जहां दवा काम नहीं करती है तो वहां दुआ काम करने लगती है ईश्वर कुछ लोगों को ऐसा हुनर देते हैं जो दूसरों को नया जीवन देने में सदा खुश रहते हैं। आज के वैज्ञानिक युग में भले ही यह बात अटपटी लगती है किंतु डाक विभाग से रिटायर हो चुके अमरनाथ गोस्वामी ऐसे व्यक्ति हैं जो मंत्र तंत्र (टेलीपैथी) के जरिए सर्प दंश से पीड़ित सैकड़ो लोगों को नया जीवन देते आ रहे हैं ।पोस्टमैन रहते हुए इन्होंने यह हुनर रामेश्वर मैं ग्रहण के दिन सीखा। यह प्रेरणा उन्हें ऊपर वाले से ही मिली है। श्री गोस्वामी सर्वप्रथम पीड़ित व्यक्ति की नंगी खड़ी पीठ में तंत्र-मंत्र से सवा किलो वजनी काँसे की थाली को चिपका कर उसमें मंत्र पढ़ते छोटे-छोटे कंकर फेंकते हैं ।जब शरीर से विष समाप्त हो जाता है तो थाली स्वयं गिर जाती है और व्यक्ति पूरी तरह स्वस्थ हो जाता है।
इस कार्य का श्री गोस्वामी
कोई पैसा नहीं लेते हैं बल्कि मौत के मुंह में जाने के भय से परेशान व्यक्ति के चेहरे में जब मुस्कान आती है उसे देखकर उनकी खुशी दोगुनी हो जाती है। लोहाघाट के प्रेम नगर में रहने वाले श्री गोस्वामी रिटायर होने के बाद तो अब वाहन लाने पर पीड़ित के घर जाकर भी तंत्र-मंत्र कर उसे राहत देते आ रहे हैं ।श्री गोस्वामी का कहना है कि इस वर्ष तो सर्वाधिक सर्प दंश के मामले उनके पास आए जिस व्यक्ति की पीठ में थाली नहीं रुकती है उसे वह तत्काल अस्पताल जाने की सलाह देते हैं अभी तक ऐसे एक-आद मामले ही सामने आए हैं। इनका कहना है कि पीड़ित को राहत मिलने के एवज में उससे जिस दिन कोई पैसा लेंगे ,उसी दिन उनकी यह विद्या प्रभावहीन हो जाएगी।