चंपावत। विकास के मायने केवल धन खर्च करना ही नहीं बल्कि जिनके लिए यह कार्य किए गए हैं, उससे उन लोगों को कितना लाभ मिला है, इसे लक्ष्य बनाते हुए ही विकास का स्वरूप तैयार किया जाना चाहिए। हमारे विकास की हर परिकल्पना के पीछे रोजगार एवं स्थानीय जरूरतों एवं प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि की भावना को शामिल किया जाना चाहिए। यह विचार राज्य सेतु आयोग के उपाध्यक्ष एवं दर्जा काबिना मंत्री राजशेखर जोशी ने जिला स्तरीय अधिकारियों की पहली बैठक में व्यक्त किए। लक्ष्य आधारित विकास को अधिकारियों द्वारा अपनी कार्य संस्कृति बनाने पर जोर देते हुए जोशी ने अपने विशाल ज्ञान,अनुभव जाहिर करते हुए नए अंदाज में अधिकारियों का मार्गदर्शन किया। कहा हर विकास का डाटा रखा जाना चाहिए। चंपावत को हिमालयी राज्यों का मॉडल जिला बनाने के लिए अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि हर कार्य में आधुनिक ज्ञान विज्ञान व तकनीकी का समावेश करने के बाद किसी भी योजना व कार्यक्रम को संचालित करने के बाद अनिवार्य रूप से इस बात की समीक्षा की जानी चाहिए कि योजना का क्या प्रभाव पड़ा है। उन्होंने खाद्यान्न के स्थान पर नगदी फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने, सौर ऊर्जा का अत्यधिक दोहन करने, सड़क जैसी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने तथा जल एवं पर्यावरण संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल करने पर जोर दिया। उन्होंने जिला योजना को मजबूत कर उसे व्यावहारिक,जनोपयोगी बनाने की आवश्यकता पर विशेष बल दिया तथा हर योजना का मास्टर प्लान तैयार करने का निर्देश भी दिया। उन्होंने कहा कि यूकोस्ट के जरिए ऐसा आधारभूत जिले का स्वरूप तैयार किया है, जिससे विकास कार्यों का क्रियान्वयन और आसान हो जाएगा। जोशी ने उच्च शिक्षा में कौशल विकास की आवश्यकता बताते हुए इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि जिलाधिकारी नवनीत पांडे के नेतृत्व में जिले के अधिकारियों की पूरी टीम एक मिशन को लेकर कार्य कर रही है। सेतु आयोग हर स्तर पर जिले के नियोजन एवं संयोजन में पूर्ण सहयोग करेगा। इससे पूर्व जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने सेतु आयोग के उपाध्यक्ष एवं सीडीओ संजय सिंह ने आयोग के निदेशक का स्वागत किया। जिलाधिकारी ने जिले में किए जा रहे एवं प्रस्तावित कार्यों की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि चंपावत जिले के विकास के कदम हर क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ते जा रहे हैं। इस अवसर पर उन्होंने जोशी को स्मृति चिन्ह भी भेंट किया। 4 घंटे तक सेतु आयोग की ओर से चली बैठक में निदेशक मनोज पंत, यूकोष्ट के डॉ अधिकारी ने वर्चुअली अपनी कार्ययोजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने अपना कार्यवृत्त प्रस्तुत किया साथ ही उन्होंने कार्य संचालन में आ रही दिक्कतों से भी अवगत कराया। डीएफओ आरसी कांडपाल ने कहा कि अकेले वे तीन डिवीजन का कार्य देख रहे हैं,जिससे वे समय से जनसमस्याओं का त्वरित समाधान नहीं कर पा रहे हैं। इस अवसर पर सीएमओ डॉक्टर केके अग्रवाल, डीडीओ दिनेश सिंह दिगारी, डीएसओ टी एन पाण्डे, सीईओ एम एस बिष्ट समेत सभी विभागों के अधिकारी मौजूद थे।