चंपावत। पहले सूखा उसके बाद एक साथ कई दिनों तक हुई भारी वर्षा ने इतने गहरे जख्म पैदा कर दिए हैं कि जिससे उबरना आसान नहीं है। आसमानी आफत थमने के बाद जहां राहत एवं बचाव कार्य और तेज हो गए हैं। इसी के साथ नुकसान का भी आकलन शुरू हो गया है। टनकपुर बनबसा के लोगों ने प्रकृति का ऐसा रौद्र रूप पहले कम देखा था। राष्ट्रीय राजमार्ग में फंसे यात्री इस आफत से छुटकारा पाने के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहे थे। यही हाल टनकपुर बनबसा के प्रभावित लोगों का भी था। चौतरफा मानवीय संवेदनाओं के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का एक परिवार के मुखिया की तरह लगातार पीड़ितों का हाल-चाल जानने एवं जिले में जिलाधिकारी नवनीत पांडे के नेतृत्व में पुलिस,एनडीआरएफ,राजस्व एवं अन्य सभी विभाग के अधिकारियों के बीच सहयोग और समन्वय से पीड़ितों व प्रभावितों की जिस प्रकार सुध ली गई उससे उनमें यह एहसास हुआ कि भगवान के अलावा अन्य लोग भी ऐसे नाजुक मौके में उनका सहारा बने हुए हैं। हालांकि अभी तक सरकारी तौर पर मिली सूचनाओं के अनुसार जिले में एक महिला समेत 8 मवेशियों की मौत हुई है। मुख्यमंत्री ने पीड़ितों को तत्काल मुआवजा देने का निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी पीड़ित को यदि समय से राहत या सहायता नहीं मिली तो बाद में वह औपचारिकता मात्र रह जाती है। टनकपुर बनबसा क्षेत्र में युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य किया जा रहे हैं। चंपावत के एसडीएम सौरभ असवाल को टनकपुर तथा टनकपुर के एसडीएम आकाश जोशी बनबसा में ही डेरा डाले हुए हैं। इसके अलावा जल संस्थान, सिंचाई,विद्युत, एडीएलओ आदि तमाम अधिकारी भी वहां समन्वय स्थापित किए हुए हैं। यहां मानव के अलावा मवेशियों को सुरक्षित स्थानों में रखकर उनके भोजन व चारे आदि की समुचित व्यवस्थाऐं की गई हैं। पानी की निकासी के लिए भी प्रबंध किए गए हैं। जिलाधिकारी पांडे स्थित पर बराबर नजर रखते हुए मुख्यमंत्री को पल पल की जानकारी दे रहे हैं। मार्ग में फंसे यात्रियों को भोजन पानी, बच्चों के लिए बिस्कुट, दूध एवं गर्भवती महिलाओं के लिए पौष्टिक आहार की व्यवस्था की गई है। चंपावत के रैन बसेरे में मार्ग में फंसे यात्रियों के लिए भोजन व रहने की पूरी व्यवस्था की गई है। जिन मकानों में दरारें आई हुई हैं , वहां के लोगों को सुरक्षित स्थानों में रखा गया है। दैवीय आपदा के इस नाजुक दौर में मुख्यमंत्री द्वारा बराबर जिला प्रशासन एवं पीड़ितों व प्रभावितों से लगातार संपर्क किए जाने के कारण सभी का मनोबल बढ़ने के साथ राहत व बचाव कार्य युद्ध स्तर पर किए जा रहे हैं। जिले के मुख्य राजमार्गों के साथ ग्रामीण सड़क मार्गों को भारी क्षति होने के कारण उन्हें यातायात योग्य बनाया जा रहा है। मुख्य राजमार्ग में लगातार दरक रही चट्टानों के कारण सड़क खोलने के बाद भी पग पग में खतरा बना हुआ है। हालांकि ऐसे स्थानों में पुलिस की भी व्यवस्था की गई है। गुरुद्वारा रीठा साहिब में सड़क बंद होने से कई यात्री फंसे हुए हैं। लधिया घाटी को जोड़ने वाले सभी सड़क मार्ग अवरुद्ध है। मंगलवार को देर शाम तक सभी सड़क मार्ग खुल जाएंगे ।
चंपावत। जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने बताया कि तीन स्थानों में राजमार्ग तथा 39 ग्रामीण सड़क मार्ग बंद हैं। दो और लोगों के मरने की सूचना मिली है, लेकिन इसकी पुष्टि अभी नहीं हो पाई है। धीरे-धीरे मकानों को हुई क्षति की सूचनाएं भी मिल रही हैं। विद्युत आपूर्ति व्यवस्था बहाल कर दी गई है। टनकपुर, बनबसा क्षेत्र में पीड़ितों एवं प्रभावितों के लिए भोजन आदि की सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। यहां राहत व बचाव कार्य के लिए टनकपुर व बनबसा में एसडीएम तैनात किए गए हैं। टनकपुर व बनबसा क्षेत्र के सभी विद्यालय 9 व 10 जुलाई को भी बंद रहेंगे।