चंपावत। नशा उत्तराखंड के गांव एवं शहरों में जंगली आग की तरह ऐसे फैल रहा है, यदि इसे रोकने के सामूहिक प्रयास नहीं किए गए तो तब जागने का क्या लाभ होगा ?जब यह आग आपके घर को जलाने के लिए दरवाजे में दस्तक देगी। यह बात “नशा मुक्त भारत” अभियान के तहत स्थानीय ऑडिटोरियम में आयोजित लोगों की विचार गोष्ठी में विभिन्न वक्ताओं में व्यक्त किए ।
मुख्य अतिथि दर्जा राज्य मंत्री श्याम नारायण पांडे एवं विशिष्ट अतिथि नगर पालिका की अध्यक्ष प्रेमा पांडे ने दीप प्रज्वलित कर गोष्ठी का शुभारंभ किया। मुख्य अतिथि ने कहा हम सब की मनोवृत्ति ऐसी हो गई है कि जब तक कोई समाज को बर्बाद करने वाली बीमारी हमारे घर तक नहीं पहुंचती है, तब तक हमारी चेतना जागृत नहीं होती है यही हाल नशे का भी है। यह जंगल की आग की तरह फैल रहा है। हमें यह मालूम है कि कल यह हमारे दरवाजे में पहुंच रही है, लेकिन तब जागने से क्या लाभ होगा जब हमारा घर जलने की स्थिति में आ जायेगा।
विशिष्ट अतिथि नगर पालिका की अध्यक्ष प्रेमा पांडे ने कहा समाज के हर वर्ग को इस महामारी से बचने के लिए सामूहिक प्रयास करना होगा। इस कार्य में हम जितनी देरी करेंगे उतना हमें अधिक नुकसान झेलना पड़ेगा। युवाओं को सोचना होगा कि नशे का कारोबार करने वाले लोग उनके दुश्मन है उनके साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार किया जाना चाहिए। जिला रेड क्रॉस समिति के अध्यक्ष राजेंद्र गहतोड़ी सामाजिक कार्यकर्ता जनार्दन चिलकोटी ने भी नशे के बढ़ते प्रकोप पर अपना दर्द साझा किया। उनका कहना था कि नई पीढ़ी को बचाने के लिए हर स्तर पर नशे के विरुद्ध जागरूकता पैदा की जानी चाहिए। इसके लिए हर घर से आवाज उठनी चाहिए। उनका यह भी कहना था कि तब जागने से क्या लाभ होगा, जब हम जिनके लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर रहे हैं, वह हमारे ही सामने जिंदी लाश बन जाएंगे।
इस अवसर पर सभासद प्रेमा चिलकोटी एवं विनोद बरदौला भी मौजूद थे।

By Jeewan Bisht

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