स्वर्णिम अतीत को पीछे धकेलते हुए ऐसे परिवेश में कदम रखने जा रहे हैं जहां सांसे कभी भी छोड़ सकती हैं हमारा साथ।
चंपावत। 22 अप्रैल को मनाए जाने वाले पृथ्वी दिवस पर हम यह सोचने को विवश होते जा रहे हैं कि लगातार पृथ्वी पर अत्याचार करते हुए स्वयं को किस दिशा…